पादरी का आदेश : चर्च में अंडरवियर न पहनकर आएं महिलाएं, नहीं तो God हो जाएंगे नाराज; जानें क्या है सच

ये पूरा मामला केन्या के नैरोबी स्थित Lord’s Propeller Redemption नामक चर्च का है, जहां के फादर रेव निजोही ने चर्च आने वाली महिलाओं के लिए अंडरवियर न पहनकर आने का आदेश जारी किया

 
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक पादरी ने चर्च में आने वाली महिलाओं को अंडरवियर पहनकर आने से मना किया है। पादरी ने कहा है कि अगर महिलाएं चर्च में अंडरवियर पहनकर आएंगी तो गॉड नाराज हो जाएंगे। हालांकि इस वीडियो के बारे में ऑप इंडिया ने फैक्ट चेक किया और बताया है कि वीडियो में किया जा रहा दावा सच है, लेकिन यह आदेश अभी नहीं बल्कि 7 साल पहले 2014 में केन्या के नौरोबी की एक चर्च में पादरी ने दिया था। इसके बाद इस पर खूब हंगामा हुआ था 

 

ये पूरा मामला केन्या के नैरोबी स्थित Lord’s Propeller Redemption नामक चर्च का है, जहां के फादर रेव निजोही ने 2014 में  चर्च आने वाली महिलाओं के लिए एक आदेश जारी किया जिसके अनुसार, चर्च में महिलाएं किसी भी प्रकार का अंडरगारमेंट पहनकर ना प्रवेश करें। Read Also : पति-पत्नी की लड़ाई हो या फिर फसल काटनी हो, पहले SEX करना है जरूरी, इस जनजाति के ऐसे हैं नियम

 

अंडरवियर पहनेंगी तो जीजस शरीर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे

केन्यन डेली पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चर्च के फादर निजोही ने इसके पीछे यह तर्क दिया है कि, चर्च में जब महिलाएं अंडरगारमेंट पहनकर आती हैं तो इससे गॉड जीजस उनके शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते जिससे उनका चर्च में आना अधूरा रह जाता है। फादर रेव निजोही के अनुसार, महिलाएं तभी चर्च में आने का पूरा लाभ उठा पाएंगी जब वह अंडर-वियर पहनकर आना बंद कर देंगी, क्योंकि यह गॉड जीजस से मिलन में बाधा उत्पन्न करता है।

 

सिर्फ यही नहीं बल्कि, फादर निजोही ने चर्च आने वाली महिलाओं को यह कहकर डराया भी कि, अगर वह यह आदेश नहीं मानेंगी तो गॉड नाराज हो जायेंगे जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। हैरानी की बात यह है कि कई सारी महिलाएं जो चर्च नियमित रूप से जाया करती हैं वह पाखंडी पादरी के बहकावे में आ गईं और उन्होंने पादरी के आदेश का पालन करते हुए चर्च बिना अंडरगारमेंट पहने ही जाना शुरू कर दिया। हालाँकि सभी महिलाओं ने इस आदेश को नहीं माना और इसके खिलाफ आवाज उठाई। मामला मीडिया में पहुंचते ही पादरी के फैसले की निंदा शुरू हो गयी और लोगों ने पादरी के इस आदेश को मनगढ़ंत और अश्लील बताया।