Nicaragua Country : निकारागुआ ने चीन के इशारे पर ताइवान से राजनयिक संबंध समाप्त किए, निकारागुआ नहर प्रोजेक्ट फिर शुरू कर सकता है चीन

Nicaragua : पनामा की तरह निकारागुआ नहर प्रोजेक्ट पर फिर काम शुरू कर सकता है चीन। निकारागुआ देश के बारे में जानना चाहिए। यह देश मध्यअमेरिका का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा देश है, परंतु गरीबी, भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है। लोग कई साल से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहां के राष्ट्रपति डेनियल ओरटेगा है। 
 
मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ ( Nicaragua Central American country) ने अपनी इंटरनेशनल रिलेशन में बदलाव किया है। निकारागुआ ने ताइवान (Taiwan) से पूरी तरह से अपने रिश्ते खत्म कर दिए है। बताया जा रहा है कि इस देश ने ताइवान को देश मानने से ही इनकार कर दिया है। यह सब चीन के दबाव में किया गया है। 

 

निकारागुआ ने कहा, ‘केवल एक चीन है। पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (People's Republic of China) एकमात्र वैध सरकार है जो चीन के सभी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है और ताइवान चीनी क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है, इसलिए निकारागुआ आज से ताइवान के साथ अपने राजनयिक संबंध तोड़ता है और हर प्रकार के आधिकारिक संपर्क या संबंध को समाप्त करता है।’

केवल चीन को मान्यता

निकारागुआ के ताइवान से बेहद घनिष्ट दोस्ताना संबंध थे। परंतु चीन के इशारे पर निकारागुआ ने राजनयिक संबंध समाप्त करते हुए कहा कि वह आधिकारिक तौर पर केवल चीन को मान्यता देगा। चीन स्वशासित ताइवान पर अपना दावा करता है।  निकारागुआ के इस फैसले पर चीन ने बधाई दी।

 

निकारागुआ देश के बारे में जानें (Know about Nikaragua)

सबसे पहले आपको निकारागुआ देश के बारे में जानना चाहिए। यह देश मध्यअमेरिका का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा देश है, परंतु गरीबी, भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है। वहां के लोग कई साल से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहां के राष्ट्रपति डेनियल ओरटेगा (President Daniel Ortega) है। जिस पर शांतिपूर्ण चुनाव ना कराने का लगातार आरोप लगता है। जीयोपॉलिटिकल के हिसाब से यह देश महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश उत्तरी अटलांटिक महासगर और प्रशांत महासगर के बीच में है। 

पनामा (Panama) की तरह चीन इसे प्रयोग करना चाहता है

पता हो कि निकारागुआ का पड़ोसी देश पनामा है। वहां की पनामा नहर (Panama cannel) काफी फेमस है क्योंकि इसका सबसे ज्यादा प्रयोग चीन भी अपने जहाजों को लाने लेजाने के लिए करता है। परंतु पनामा पर अमेरिका का प्रभाव है। अब अमेरिका को टक्कर देने के लिए चीन निकारागुआ से नहर की खोदाई करना चाहता है। निकारागुआ (Nikaragua cannel) में करीब 35-40 किमी. का पहाड़ी क्षेत्र है जिसकी खोदाई कर नहर बनाई जा सकती है। जो उत्तरी अटलांटिक महासगर और प्रशांत महासागर को जोड़ेगी। 

 

अमेरिका का रहा है प्रभाव 

जानकारी हो कि निकारागुआ ने रूस से संबंध बढ़ाने के आरोप लगाते हुए अमेरिका ने इस देश पर प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए। बताते हैं कि अमेरिका की नई सरकार बनते ही जो बिडेन ने प्रतिबंध और भी कड़े कर दिए। जिसके चलते निकारागुआ की आर्थिक स्थिति चरमा गई। अब उसे किसी बड़े देश की आवश्यकता है जो आर्थिक स्थिति सुधारे। बता दें कि निकारागुआ का दोस्त रूस केवल हथियार, सेना में इसकी मदद कर सकता है परंतु पैसे के मामले में चीन ही है।

निकारागुआ में ताइवान ने किया हुआ है काफी इनवेस्टमेंट

ताइवान ने निकारागुआ में काफी इनवेस्टमेंट किया हुआ है। इस मामले में ताइवान विदेश मंत्रालय ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि  वह तुरंत अपने राजनयिक कर्मचारियों को वापस बुलाएगा। निकारागुआ के इस कदम के बाद विश्व में ताइवान को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने वाले सिर्फ 14 देश रह गए हैं।ताइवान की सरकार ने इस इलाके में मूलभूत संरचना बनाने और सुधारों के काम में बहुत बड़ा निवेश किया है। पहले भी निकारागुआ के पड़ोसी कोस्टारिका के साथ भी  ऐसा हो चुका है।

 

नहर प्रोजेक्ट से जुड़े हैं कई जोखिम

जानकारों का कहना है कि नहर के इस प्रोजेक्ट के साथ तो हर तरह के जोखिम हैं। नहर की व्यावहारिकता, पर्यावरण पर होने वाले इसके असर पर काई जांच नहीं की गई है। इस नहर को बनाने के लिए इंजीनियर निकारागुआ झील का भी इस्तेमाल करेंगे, लेकिन सान जुआन नदी के साथ छेड़छाड़ से कोस्टारिका के साथ संबंध बिगड़ सकते हैं।
निकारागुआ देश के राष्ट्रपति ओरतेंगा पर अक्सर चुनाव में धांधली का आरोप लगता रहा है। इसको लेकर वहां कई सालों से विरोध प्रदर्शन चलते रहते हैं।

‘हमने एक और लड़ाई जीत ली है’


चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने अपने व्यक्तिगत वीबो अकाउंट पर निकारागुआ के विदेश मंत्री डेनिस मोंकाडा कोलिंड्रेस के बयान को पढ़ते हुए एक वीडियो साझा किया और लिखा, ‘हमने एक और लड़ाई जीत ली है।’ झाओ ने इस परिवर्तन को ‘एक अथक प्रयास’ का हिस्सा बताया। निकारागुआ ने 1990 के दशक में ताइवान के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे, जब राष्ट्रपति वायलेट चामोरो ने चुनावों में डैनियल ओर्टेगा को हराकर सत्ता संभाली थी।