पाकिस्तान में आफत: हर तरफ हिंसा, इस्लामाबाद सील, कई शहरों में इंटरनेट बंद
Oct 29, 2021, 12:34 IST
आतंकवाद को दुनिया में फैलाने वाले पाकिस्तन में इन दिनों हालात बिगड़े हुए हैं। यहां पाकिस्तान सरकार और प्रतिबंधित संगठन तहरीक ए लब्बैक (TLP) के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। टीएलपी ने कट्टरपंथी नेता की रिहाई समेत 4 मांगों को लेकर इस्लामाबाद मार्च शुरू कर दिया है। इस मार्च में हजारों लोग हिस्सा ले रहे हैं। टीएलपी के कार्यकर्ता इस्लामाबाद से मात्र 14 किलोमीटर दूर हैं। इसके मद्देनजर राजधानी को चारों तरफ से सील कर दिया गया है। वहीं तीन शहरों में इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद कर दी गई है। देश के कई हिस्सों में हिंसक घटनाएं सामने आ रही है। मुल्तान और लाहौर में भी लब्बैक के कार्यकर्ता कोहराम मचा रहे हैं।
उधर टीएलपी के मार्च की खबरें दिखाने पर इमरान खान सरकार ने बोल न्यूज का प्रसारण निलंबित कर दिया है। उधर पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) ने एक नोटिस जारी करते हुए कहा है कि देश का कोई भी टीवी चैनल तहरीक लब्बैक पाकिस्तान से जुड़ी किसी भी खबर का प्रसारण नहीं करेगा। हालांकि ज्यादातर मीडिया समूह हल्के सुर में टीएलपी के साथ नजर आ रहे हैं। TLP के हमलों में मारे जाने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या 6 हो गई है। Read Also : फिर लौटा लॉकडाउन : 6 मरीज मिलते ही Lanzhou में 40 लाख लोग घर में कैद, कई अन्य शहरों में भी लगीं पाबंदियां
इमरान ने नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग बुलाई
हालातों से घबराए प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग बुलाई है। बता दें कि बीते दो हफ्ते से पाकिस्तान की सड़कों पर टीएलपी के समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं। कहीं फायरिंग हो रही है तो कहीं मारपीट की खबरें सामने आ रही है। भीड़ को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने सड़कों पर मिट्टी के ढ़ेर लगा दिए हैं। पाकिस्तान के पंजाम प्रांत में तो सेना भेजनी पड़ी है। बड़ी बात यह है कि इस मार्च में टीएलपी के साथ कट्टरपंथी नेता मौलाना फजलुर रहमान भी शामिल है। मौलाना फजलुर रहमान पहले भी इमरान खान के गले की हड्डी बन चुके हैं, ऐसे में इमरान को डर है कि कहीं यह मार्च इस्लामाबाद पहुंच गया तो उनकी सत्ता छिन सकती है। बताया जा रहा है कि यह साजिश पाकिस्तान के सेना प्रमुख बाजवा ने ये इमरान को सत्ता से बेदखल करने के लिए रची है, जिसमें TLP एक मोहरा है, लेकिन अब इमरान बाजवा की इस चाल में फंस चुके हैं।
TLP की क्या नाराजगी है?
दरअसल, फ्रांस में पिछले साल पैगंबर मोहम्मद का एक कार्टून छपा था। इस कार्टून को लेकर विवाद हुआ था। मुस्लिम कट्टरपंथियों ने इसे पैगम्बर मोहम्मद की बेअदबी बताया था, जबकि फ्रांस का कहना था कि यह उनकी अभिव्यक्ति की आजादी है। इसके बाद से तहरीक ए लब्बैक देश से फ्रांस के राजदूत को निकालने की मांग कर रहा है। इसको लेकर टीएलपी के प्रमुख साद रिजवी ने प्रदर्शन भी किया था, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। अब तहरीक ए लब्बैक की और भी कई मांगे हैं, जिन्हें इमरान सरकार किसी भी हाल में पूरी नहीं कर सकती है। ऐसे में सरकार और तहरीक ए लब्बैक में टकराव बढ़ गया है।