चीनी जालसाज भारतीय लड़कियों को न्यूड कॉल करने के लिए कर रहे मजबूर, अभी भी कंबोडिया में 3 हजार फंसे 

फर्जी न्यूड कॉल के मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है। कंबोडिया में चीनी साइबर अपराधियों की बड़ी करतूत उजागर हुई है। चीनी स्कैमर्स ने बड़ी संख्या में भारतीयों को बंधक बना रखा है। इनके जरिए ब्लैकमेलिंग की जा रही है। इन लोगों में लड़कियों की संख्या ज्यादा है।
 
फर्जी न्यूड कॉल के बाद ब्लैकमेलिंग को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीनी स्कैमर्स ब्लैकमेलिंग के लिए कई महिलाओं को कंबोडिया भेज रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महिलाओं को हनीट्रैप में फंसाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। चीनी इन महिलाओं से भारत में फर्जी न्यूड कॉल करवाते हैं। इस पूरे मामले का खुलासा तेलंगाना के एक शख्स ने किया है। शख्स का नाम मुंशी प्रकाश है, जो खुद चीनी ठगी का शिकार हो चुका है।READ ALSO:-UP : युवती की बहादुरी से पकड़े गए तीन अपहरणकर्ता, शादी के लिए करने आए थे अपहरण, हाथापाई के बीच पलटी कार

 

ऑस्ट्रेलिया में नौकरी का लालच दिया, बाद में बंधक बना लिया
मुंशी मूल रूप से महबूबाबाद के बय्याराम मंडल का रहने वाला है। मुंशी ने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है, जो एक आईटी कंपनी में काम कर रहा था। उसने एक जॉब साइट पर विदेश में नौकरी के लिए अपनी पोस्ट अपलोड की थी। मुंशी के मुताबिक एक दिन कंबोडियाई एजेंट विजय ने उसे कॉल किया और ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए नौकरी का ऑफर दिया। जिसके बाद विजय ने ट्रैवल हिस्ट्री के बहाने उन्हें मलेशिया के टिकट दिए। मुंशी ने बताया कि वे 12 मार्च को फ्लाइट से कुआलालंपुर पहुंचे। वहां से उन्हें नोम पेन्ह ले जाया गया। विजय का एक आदमी उनसे मिला, जिसने उनसे 85 हजार अमेरिकी डॉलर ले लिए। 

 


इसके बाद चीनियों ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया और उन्हें क्रोंग बावेट ले गए। यहां उन्हें एक टावर कॉम्प्लेक्स में रोका गया, जहां पहले से ही कई भारतीय मौजूद थे। यहां उन्हें तेलुगु और दूसरी भारतीय भाषाओं में लड़कियों की फर्जी प्रोफाइल बनाने और उनका इस्तेमाल करने की 10 दिन की ट्रेनिंग दी गई। चीनियों ने उन्हें एक हफ्ते तक अंधेरे कमरे में बंद करके प्रताड़ित किया। जब वे बीमार पड़ गए, तो उन्हें बाहर निकाला गया, लेकिन चीनी उन पर गलत काम करने का दबाव बनाते रहे। किसी तरह मुंशी ने अपना सेल्फ वीडियो रिकॉर्ड कर चेन्नई में रहने वाली अपनी बहन को भेजा। जिसके बाद प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई। 

 

मुंशी की बहन की सूचना के बाद प्रशासन ने भारतीय दूतावास को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद 16 अप्रैल को कंबोडियाई पुलिस ने उसे छुड़ाया। लेकिन एक चीनी गिरोह द्वारा दर्ज कराए गए फर्जी केस के चलते उसे वहीं जेल में डाल दिया गया। 12 दिन बाद उन पर लगे आरोप फर्जी पाए गए। जिसके बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया और 5 जुलाई को दिल्ली वापस आ गए। मुंशी के साथ 9 और लोगों को बचाया गया। 

 

मुंशी ने बताया कि अभी भी वहां 3 हजार भारतीय फंसे हुए हैं। इनमें लड़कियां भी हैं। सभी लोग आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के हैं। चीनी, भारतीयों को फर्जी न्यूड कॉल करने के लिए मजबूर करते हैं। सभी को नौकरी का झांसा देकर यहां लाया गया है। कई लोग दिल्ली, कर्नाटक, मुंबई और दूसरी जगहों के भी हैं। इन लोगों से पैसे छीनकर पहले क्रिप्टोकरेंसी में बदला जाता है, फिर अमेरिकी डॉलर में।  बाद में इसे युआन में बदल दिया जाता है।