BIG BREAKING : तालिबान के खिलाफ जंग शुरू,  पंजशीर में उठी बगावत की चिंगारी

तालिबान के 'आतंक' के खिलाफ बगावत की चिंगारी पंजशीर में उठी है, यहां नॉर्दन एलायंस ने अपना झंडा फहरा दिया है।

 

अफगानिस्तान को बचाने के लिए बनाए गए नॉदन अलायंस ने तालिबान के खिलाफ जंग छेड़ दी है। तालिबानी हुकूमत के बीच जलालाबाद में लोगों ने प्रदर्शन करते हुए अफगानिस्तान का झंड़ा लहराया। यहां झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं तालिबान से बचने के  लिए जो अफगानी सैनिक छिप गए थे, अब पंजशीर पहुंच रहे हैं। दिवंगत अफगानी राजनेता अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद की अपील पर वे इकट्ठे हो रहे हैं। Read Also : अफगानिस्तान से क्या-क्या सामान आता है भारत, हम वहां क्या भेजते हैं, देखें पूरी लिस्ट

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान अपने मेकओवर में लगा हुआ है। वो इस बार पहले से अलग होने के दावे कर रहा है, महिलाओं को शरीयत के हिसाब से हक देने की बात कर रहा है। उसके लड़ाके काबुल की सड़कों पर घूम-घूमकर सरकारी कर्मचारियों से काम पर लौटने के लिए कह रहे हैं लेकिन लोगों अबतक उनका विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।  पढ़ें - तालिबान की तारीफ करने पर फंसे सपा के सांसद, शफीकुर्रहमान बर्क पर दर्ज हुआ देशद्रोह का केस दर्ज।


इस बीच तालिबान के 'आतंक' के खिलाफ बगावत की चिंगारी पंजशीर में उठी है, यहां नॉर्दन एलायंस ने अपना झंडा फहरा दिया है। इसके अलावा जलालाबाद में भी बड़ी संख्या में लोग अफगानिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज लेकर सड़क पर प्रदर्शन करते दिखाई दिए। इन्होंने शहर की एक व्यस्त चौक पर अफगानिस्तान का झंडा फहरा दिया। खबर है कि इन लोगों पर तालिबान के लड़ाकों ने गोलिया चलाई हैं।

अफगानिस्तान के पंजशीर में तालिबान के खिलाफ नॉर्दन अलायंस ने बगावत कर दी है। सूत्रों से मिला जानकारी के मुताबिक, पंजशीर इलाके में अबतक तालिबान का कब्जा नहीं हुआ है। इसके अलावा अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने चरिकर इलाके को अपने कब्जे में ले लिया है। चरिकर वो इलाका है, जहां पर से सड़क काबुल और मजार-ए-शरीफ को जोड़ती है। अशरफ गनी के काबुल से भागने के बाद अमरुल्ला सालेह ने खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। सालेह का कहना है कि वो अभी भी अफगानिस्तान में मौजूद हैं।


आजतक नहीं कब्जा कर पाया तालिबान

दरअसल पंजशीर एकमात्र ऐसा प्रांत है, जिसे तालिबान कब्जा नहीं पाया है। अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से एक पंजशीर (Panjshir) देश के उत्तर-पूर्वी इलाके में पड़ता है। ये ऐसा प्रांत है जिसे न तो तालिबान कब्जा पाया और न ही कभी सोवियत रूस जीत पाया। अगर पंजशीर ने तालिबान के सामने सरेंडर कर दिया तो ये अपने आप में एक बहुत बड़ी खबर होगी क्योंकि तालिबान और अलकायदा (Al-Qaeda) ने मिलकर 9/11 के हमले से दो दिन पहले अहमद मसूद के पिता अहमद शाह मसूद (Ahmad Shah Massoud) को फिदायीन हमले में मार दिया था। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई (Hamid Karzai) ने अहमद शाह मसूद को राष्ट्रीय नायक का खिताब दिया था। उन्हें पंजशीर का शेर भी कहा जाता है। अहमद शाह मसूद और उनके सहयोगियों ने साथ मिलकर तालिबान के राज को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी।