नेपाल में आया 6.4 तीव्रता का भूकंप, 132 की मौत, पश्चिमी रुकुम-जाजरकोट सबसे अधिक प्रभावित; Delhi-NCR, MP और UP में भी असर रहा
Delhi NCR में लोगों को देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस हुए। भूकंप की तीव्रता 6.4 थी और इसका केंद्र नेपाल था। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इससे नेपाल में एक बार फिर तबाही मच गई। भूकंप के झटकों से कई घर जमींदोज हो गए और 129 लोगों की जान चली गई। 2015 में भी नेपाल में आए भूकंप से 9 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी और देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ था।
Updated: Nov 4, 2023, 16:19 IST
दिल्ली NCR में देर रात तेज भूकंप के झटकों महसूस किए गए हैं. भूकंप का एपिसेंटर यानि केंद्र नेपाल था। जिसका असर उत्तरी भारत के कई हिस्सों में देखने को मिला। भूकंप का झटका इतना तेज था कि लोग काफी सहम गए और देर अपने घरों और बिल्डिंगों से बाहर निकल आए। लोगों ने भूकंप के तेज झटके डेढ़ मिनट तक महसूस किए. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई। READ ALSO:-हापुड: चोरी का अजब-गजब तरीका! सलवार-सूट पहन चोर पैसे और लैपटॉप लेकर हुआ फरार, देखें Video
एक बार फिर नेपाल में केंद्र होने के चलते वहां भूकंप से भारी तबाही हुई है. जजरकोट की आबादी 1 लाख 90 हजार है। यहां काफी नुकसान की खबर है। यहां भूकंप के तेज झटकों की वजह से करीब 132 से अधिक लोगों की जान चली गई और रुकुम जिले में 37 लोग की मौत हुई है। नेपाल के स्थानीय प्रशासन की मानें तो जिस तरह का भूकंप था उससे ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। नेपाल के जजरकोट और रुकुम पश्चिम कई इमारतें भूकंप के झटके से ढह गईं और 100 से ज्यादा लोग घायल हैं। ऐसा ही कुछ साल 2015 में भी नेपाल में हुआ था। जब वहां भूकंप से करीब 9 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। और देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ था।
अरबों डॉलर का हुआ था नुकसान
नेपाल में अप्रैल 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें लगभग 9,000 लोग मारे गए और 23 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. भूकंप के कारण पांच लाख से अधिक घर नष्ट हो गए। साल 2015 में करीब 2 दिन तक रह-रह कर धरती कांप रही थी।
नेपाल में अप्रैल 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें लगभग 9,000 लोग मारे गए और 23 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. भूकंप के कारण पांच लाख से अधिक घर नष्ट हो गए। साल 2015 में करीब 2 दिन तक रह-रह कर धरती कांप रही थी।
इस भूकंप ने कई कस्बों और सदियों पुराने मंदिरों को पूरी तरह से मिटा दिया. भूकंप के कारण नेपाली अर्थव्यवस्था को 10 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था. जिसकी रिकवरी करे में और देश को पटरी पर लाने के लिए काफी समय लग गया था।