New Birth Registration Rules : जन्म पंजीकरण प्रक्रिया बदली, माता-पिता का धर्म  किया जाएगा दर्ज, इससे ही बनेगी आधार-मतदाता आईडी....

अभी तक बच्चे के जन्म से संबंधित रजिस्ट्रेशन फॉर्म नंबर 1 में परिवार के धर्म का कॉलम दिया जाता था। लेकिन अब इसमें एक और कॉलम जोड़ दिया गया है। नए कॉलम में बच्चे के माता-पिता के धर्म से जुड़ी जानकारी देनी होगी।
 
केंद्रीय गृह मंत्रालय: गृह मंत्रालय की ओर से बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। जी हां, अब अगर परिवार में किसी नवजात का जन्म होता है तो बच्चे के जन्म के पंजीकरण में माता-पिता के धर्म से जुड़ी जानकारी देनी होगी। इसके तहत बच्चे के माता-पिता से जुड़ी जानकारी अलग से दर्ज करना जरूरी है। अब तक के नियम के मुताबिक, बच्चे के जन्म के समय ही परिवार के धर्म से जुड़ी जानकारी दर्ज कर ली जाती थी।  लेकिन अब गृह मंत्रालय ने इस संबंध में मॉडल नियमों का मसौदा तैयार कर लिया है. इस ड्राफ्ट को गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को भेज दिया है। READ ALSO:-UP : मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की अपराधियों को चेतावनी, कहा-जो समाज के लिए खतरा बनेगा उसका ...'राम नाम सत्य', निश्चित, देखें VIDEO.....

 

नये कॉलम में संबंधित जानकारी दर्ज की जायेगी
पहले बच्चे के जन्म से संबंधित रजिस्ट्रेशन फॉर्म नंबर 1 में परिवार के धर्म का कॉलम होता था। लेकिन अब इसमें एक और कॉलम जोड़ दिया गया है। इस कॉलम में बच्चे के माता-पिता के धर्म से जुड़ी जानकारी देनी होगी। गोद लेने की प्रक्रिया के लिए फॉर्म नंबर 1 भी जरूरी होगा। आपको बता दें कि पिछले साल पारित जन्म-मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर भी जन्म और मृत्यु का पंजीकरण आवश्यक होगा।

 

इस डेटाबेस से इन चीजों का रिकॉर्ड रखा जाएगा
दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक, सरकार भविष्य में इसे लेकर बड़ी योजनाएं बना रही है। अखबार के सूत्रों के मुताबिक, जन्म पंजीकरण के नए फॉर्म नंबर 1 से प्राप्त डेटाबेस के आधार पर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR), आधार कार्ड, मतदाता सूची, राशन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेजों को अपडेट किया जाएगा। बच्चे के जन्म से जुड़ा यह डिजिटल सर्टिफिकेट एक दस्तावेज के तौर पर मान्य होगा। इतना ही नहीं, यह किसी भी स्कूल या कॉलेज में प्रवेश के समय जन्म प्रमाण पत्र के रूप में भी मान्य होगा।

 

इसके अलावा अब किसी की मौत के बाद बनने वाले मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत के हालिया कारण के साथ-साथ पुरानी बीमारी से जुड़ी जानकारी भी देनी होगी। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) ने मृत्यु प्रमाण पत्र में तात्कालिक कारण के साथ पुरानी बीमारी से जुड़ी जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है। RGI देशभर में जन्म और मृत्यु का डेटा राष्ट्रीय स्तर पर रखेगा।