Family Pension: बदल गए फैमिली पेंशन के नियम, जानिए किन लोगों को मिलेगा फायदा

 यानी कि मृतक सरकारी कर्मचारी द्वारा प्राप्त अंतिम वेतन का 30% या पेंशनर को मिल रही Family Pension का 30 परसेंट और उस पर मंहगाई राहत का कुल योग दिया जाएगा।

 
केंद्र ने फैमिली पेशन पाने वाले नागरिकों के हित में बड़ा फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय ने मानसिक या शारीरिक अक्षमता से पीड़ित बच्चों/भाई-बहनों को फैमिली पेंशन (family pension) देने के लिए आय सीमा में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। अब ऐसे बच्चे/भाई-बहन आजीवन फैमिली पेंशन के लिए पात्र होंगे, यदि उनकी इस पारिवारिक पेंशन के अलावा अन्य सोर्स से अर्जित कुल आय पारिवारिक पेंशन से कम रहती है। यानी कि मृतक सरकारी कर्मचारी द्वारा प्राप्त अंतिम वेतन का 30% या पेंशनर को मिल रही फैमिली पेंशन का 30 परसेंट और उस पर मंहगाई राहत का कुल योग दिया जाएगा।

 

ऐसे मामलों में वित्तीय लाभ 08 फरवरी 2021 से मिलेगा। वर्तमान में, दिव्‍यांग बच्चे या भाई-बहन तब परिवार पेंशन के पात्र होते हैं, यदि परिवार पेंशन के अलावा अन्य स्रोतों से उनकी मासिक आय, महंगाई राहत के साथ 9000 रुपये से अधिक नहीं है। अभी तक नियम यही है कि फैमिली पेंशन की रकम मृत कर्मचारी या पेंशनर की आखिरी सैलरी के हिसाब से जोड़ कर दी जाती है। फैमिली पेंशन का पैसा कर्मचारी के आश्रितों को ही दी जाती है। नियम के मुताबिक मृत कर्मचारियों के परिजन को फैमिली पेंशन के रूप में लगभग 9 हजार रुपये मिलते थे। यानी कि मृत कर्मचारी की सैलरी चाहे जितनी भी रही हो, उसके आश्रितों को पेंशन के रूप में 9 हजार रुपये ही मिलते थे। Read Also : रेस्टोरेंट से ठेले तक के लिए नए नियम: यूज हो रहे तेल से मसाले तक की देनी होगी जानकारी, FSSAI नंबर भी प्रदर्शित करना होगा

 

फैमिली पेंशन का क्या है नियम

फैमिली पेंशन को लेकर केंद्र सरकार का डिपॉर्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर नियम बनाता है और उसी नियम के हिसाब से पेंशन दी जाती है। इसके तहत मृतक की पत्नी, 25 साल से कम उम्र का अविवाहित बेटा और विवाहित या विधवा या तलाकशुदा बेटी जो अपने पालन के लिए मृतक पर आश्रित हों, दिव्यांग बच्चा जो अपनी जीविका कमाने के लायक न हो, मृतक के आश्रित माता-पिता और मृतक के आश्रित भाई-बहन को पेंशन दी जाती है। विवाहित या विधवा या तलाकशुदा बेटी की उम्र की कोई सीमा नहीं रखी गई है। बच्चा दिव्यांग हो तो उसके उम्र और शादी का कोई नियम बाध्यकारी नहीं है। Read Also : Flipkart Big Billion Days Sale: Smart Phone, TV समेत अन्य Products पर मिलेगी Rs 4 हजार तक की छूट!

 

फैमिली पेंशन की अवधि

मृतक कर्मचारी या पेंशनर की पत्नी ताउम्र फैमिली पेंशन पाने की हकदार होती है। अगर बेटा अविवाहित है तो 25 साल की उम्र तक, विधवा या तलाकशुदा बेटी को मृत्यु तक, दिव्यांग बच्चे को आजीवन और मृतक के आश्रित माता को जीवनपर्यंत पेंशन दी जाती है। इसमें एक नियम कमाई का रखा गया है। संतान जब तक कमाई शुरू न कर दे, तब तक पेंशन दी जाती है। बेटी के मामले में चब तक उसकी शादी नहीं होती तब तक पेंशन मिलती रहेगी। अगर बेटी तलाकशुदा या विधवा हो तो यह लाभ दूसरी शादी होने तक या रोजगार मिलने तक दिया जाता है।

 

बेटियों को लेकर यह हुआ फैसला

तलाक के बाद बेटी माता-पिता की पेंशन का हकदार होती है, यह नियम केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण यानी कि कैट की तरफ से दिया गया है। रेलवे के एक मामले में कैट ने कहा था कि तलाक का फैसला आने में कई साल लग जाते हैं और इतनी लंबी अवधि के लिए किसी को पेंशन से वंचित नहीं रख सकते। अगर माता-पिता के जीवन काल में ही बेटी तलाक लेती है तो उसे फैमिली पेंशन का लाभ दिया जाएगा। इसमें एक नियम यह है कि तलाक की प्रक्रिया माता-पिता के जीवित रहते ही शुरू की जानी चाहिए।