एक Bank में न रखें 5 लाख से ज्यादा रकम; संकट में आया बैंक तो डूब जाएगा आपका पैसा

 

Bank deposit : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में लक्ष्मी विलास बैंक और मंता अर्बन कॉपरेटिव बैंक पर शिकंजा कस दिया। संकट में आए इन दोनों ही बैंक (Bank) के ग्राहकों पर इसका लंबे समय तक असर पड़ेगा। इससे पहले Yes Bank, PMC BAnk, सीकेपी को-ऑप बैंक, श्री राघवेंद्र सहकारी बैंक संकट दिक्कत में आ चुके हैं। बैंकों के संकट में आने के बाद लोग यह सोचकर परेशान हैं कि बैंक में उनका पैसा सुरक्षित है या नहीं।

क्या आपके मन में भी ये सवाल आता है कि बैंक में जमा आपके लाखों रुपये कितने सुरक्षित हैं तो ये खबर आपको जाननी चाहिए। जिस बैंक में आपकी रकम जमा है अगर वो डिफॉल्ट करता है तो आपको कितना पैसा वापस मिलेगा ये आपको पता होना चाहिए। आइये जानते हैं कि क्या है यह पैसे जमा करने की सीमा और क्या है यह नियम।

बैंकों में जमा केवल 5 लाख रुपये ही होता है सुरक्षित, लेकिन कब मिलेगा इसकी गारंटी नहीं

भारत में बैंकों में जमा पैसा केवल 5 लाख रुपये तक ही सुरक्षित होता है। अगर आपका 1 करोड़ रुपये जमा है तो बैंक के डूबने पर केवल आपको 5 लाख रुपये ही मिलेगा। इस 5 लाख रुपये में मूलधन और ब्याज दोनों शामिल हैं। हालांकि बजट 2020 में ही इस लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है, इससे पहले तो यह लिमिट तो केवल 1 लाख रुपये ही थी।

जानिए 5 लाख रुपये की गणना कैसे होती है

अगर एक ही बैंक की कई शाखाओं में आपका खाता है, और सभी में मिलाकर 50 लाख रुपये जमा है और इसी बैंक में आपकी FD भी है तो बैंक के दिवालिया होने पर आपके सभी खातों की रकम को जोड़ा जाएगा और 5 लाख रुपये ही वापस किए जाएंगे। यह रकम आपको कितने दिनों में मिलेगी, इसे लेकर कोई समय सीमा तय नहीं है।

वहीं अगर आपके कई बैंकों में खाते हैं, तो आपको हर बैंक में 5 लाख रुपये तक के जमा की गारंटी मिलेगी। यानी बैंक के दिक्कत में आने पर आपको हर बैंक से 5 लाख रुपये का भुगतान मिल जाएगा।

बैंक जमा में क्या-क्या शामिल

बैंक में जमा 5 लाख रुपये की सुरक्षा में ज्यादातर जमा को मिलाकर लिमिट तय की जाती है। इस लिमिट एक ग्राहक की एक बैंक में मौजूद सभी जमाओं जैसे बचत खाता, एफडी, आरडी आदि को मिलाकर तय की जाती है। अगर किसी बैंक की एक ही या अलग-अलग शाखाओं में भी ग्राहक के अलग-अलग खातों में पैसे जमा हैं तो उन सभी को मिलाकर 5 लाख रुपये तक की लिमिट तय की जाती है। वहीं इसमें मूलधन के साथ ब्‍याज को भी शामिल माना जाता है।

फिर क्या करना चाहिए : इस झमेले से बचने के लिए व्यक्ति को एक ही अकाउंट में सारा पैसा नहीं रखकर अलग अलग बैंकों में रखना चाहिए। इससे हर बैंक में आपको 5 लाख रुपए तक की गारंटी मिलेगी। हां अगर बैंक का किसी अन्य बैंक में विलय हो जाता है तो आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा और आपको कोई नुकसान नहीं होगा।

कौन देता है बैंक में जमा पैसों पर गारंटी

बैंक में जमा पैसों पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) बीमा कवर उपलब्ध कराता है। डीआईसीजीसी आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली एक अनुषंगी कंपनी है। आरबीआई के नियमों के अनुसार यह कंपनी देश के सभी कमर्शियल और को-ऑपरेटिव बैंक को बीमा सुरक्षा प्रदान करती है। इसके तहत जमाकर्ताओं को बैंक में जमा 5 लाख रुपये तक पर सुरक्षा मिलती है। इसके लिए बैंक के ग्राहकों से कोई अतिरिक्त धन नहीं लिया जाता है।

जानिए ज्वॉइंट अकाउंट को लेकर नियम

आरबीआई के नियमों के अनुसार सिंगल और ज्वॉइंट अकाउंट को अलग-अलग माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति का किसी बैंक में सिंगल नाम से बैंक खाता है, और दूसरा अकाउंट ज्वाइंट नाम से है, तो इन बैंक खातों को अलग अलग माना जाएगा। ऐसी स्थिति में अगर बैंक दिवालिया होता है तो डीआईसीजीसी के बीमा नियमों के हिसाब से आपको इन दोनों बैंक खातों में 5-5 लाख रुपये तक की बीमा सुरक्षा का लाभ मिलेगा।

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