सावधान! इस समय UPI पेमेंट करने से बचें, NPCI ने जारी किया अलर्ट वरना हो सकते हैं इन फ्रॉड के शिकार

 

NPCI यानी की नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ग्राहकों को बेहतर सुविधा और सुरक्षित ट्रांजेक्शन देने के लिए अपने सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है। यह प्रक्रिया आज रात से अगले कुछ दिनों तक चलेगी। NPCI ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जानकारी देते हुए बताया कि, आज रात 1 बजे से 3 बजे तक हम सिस्टम को अपग्रेड करेंगे। ये अपग्रेडेशन अगले कुछ दिनों तक चलेगा जिससे यूजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में यूजर्स UPI पेमेंट करने से बचें।

NPCI ने फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं दी है कि ये कितने दिन तक चलेगा, लेकिन कुछ दिनों का समय इसमें लग सकता है। ट्विटर पर NPCI ने कहा कि, बेहतर पेमेंट अनुभव के लिए हम अपना UPI प्लेटफॉर्म अपग्रेड कर रहे हैं।

https://twitter.com/NPCI_NPCI/status/1352142985949970433?s=19

बता दें कि NPCI अपनी वेबसाइट को साइबर अटैक्स से बचाने के लिए लगातार उसमें बदलाव कर रहा है। वहीं इसके लिए लोगों को भी जागरुक किया जा रहा है। NPCI ने इसके लिए कई टेक्नोलॉजी बनाई है जिससे साइबर अटैक से बचा जा सके।

बता दें कि BHIM UPI प्लेटफॉर्म पर कुल 165 बैंक फिलहाल लिस्टेड है। अक्टूबर 2020 में NPCI ने एंड्रॉयड पर कुल 155. 14 मिलियन यूजर्स रिकॉर्ड किए थे जबकि iOS पर 2.94 मिलियन यूजर्स।

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यूजर्स को ठगने के लिए सायबर क्रिमिनल कई तरीके अपना रहे हैं। कई बैंकों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए ग्राहकों को चेतावनी देते हुए एडवाइजरी जारी की है जिसमें लोगों को सेफ बैंकिंग की टिप्स दी गई हैं। UPI प्लेटफॉर्म के जरिए कई तरह के फ्रॉड्स होने की संभावना बनी रहती है। इनके बारे में यूजर्स को पता होना बेहद जरूरी है। यहां हम आपको 4 तरह के फ्रॉड्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

फिशिंग स्कैम्स: फ्रॉडस्टर्स, यूजर्स को एसएमएस के जरिए अनधिकृत पेमेंट का लिंक भेजते हैं। इनमें फेक URL मौजूद होता है। अगर फ्रॉडस्टर द्वारा भेजे गए इस लिंक पर यूजर क्लिक कर देते हैं तो यह आपको आपके फोन में मौजूद किसी भी UPI ऐप को सेलेक्ट करने के लिए कहता है और उस पर रिडायरेक्ट कर देता है। जैसे ही आप परमीशन दे देते हैं तो आपके अकाउंट से राशि अपने आप डेबिट हो जाती है।

2. रिमोट स्क्रीन मिररिंग टूल: आजकल वर्क फ्रॉम होम का चलन शुरू हो गया है। ऐसे में आजकल लोग रिमोट स्क्रीन मिररिंग टूल्स डाउनलोड करते हैं जिससे उनके फोन को लैपटॉप के साथ कनेक्ट किया जा सकता है। Google Play या App स्टोर पर मौजूद सभी ऐप्स वेरिफाइड या प्रामाणिक नहीं होती हैं। ऐसे में एक बार जब आप एक अनवेरिफाइड ऐप डाउनलोड कर लेते हैं तो यह आपके फोन से पूरी जानकारी ले लेता है और डिवाइस पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लेते हैं। इससे आपकी जानकारी समेत आपके पैसे को भी चुराया जा सकता है।

UPI का सोशल मीडिया पर गलत इस्तेमाल करना: कई बार लोग NPCI, BHIM, बैंक या किसी सरकारी संस्थानों जैसे नामों से सोशल मीडिया पेज बना लिए जाते हैं। लोग इन्हें सही भी मान लेते हैं। नकली UPI ऐप के जरिए से आपके अकाउंट की डिटेल्स को रिवील करने के लिए इस तरह तरह अकाउंट हैंडल्स फ्रॉडस्टर्स द्वारा बनाए जाते हैं।

4. OTP, UPI PIN द्वारा किए जाते हैं स्कैम्स: जब भी किसी UPI ऐप के जरिए आप पेमेंट करते हैं तो या तो आप OTP का चयन करते हैं या फिर UPI पिन का। OTP ऑथेंटिकेशन के जरिए बैंक आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP भेजता है। इसे एंटर करने के बाद ही आपकी पेमेंट पूरी होती है। ऐसे में अगर आपके फोन पर किसी फ्रॉडस्टर्स ने नियंत्रण कर रखा है तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। 

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