7th Pay Commission : इन कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, सरकार ने बदले ये नियम

 केंद्र सरकार ने ड्यूटी के दौरान कर्मचारी की मृत्यु से जुड़े एक नियम में बड़ा बदलाव किया है। ये बदलाव मृतक कर्मचारी के परिजनों के लिए काफी अहम है। 

 
 

7th Pay Commission: सर्विस अवधि के दौरान मरने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के परिवार को एकमुश्त मुआवजे के भुगतान (Ex-Gratia lump sum compensation) से जुड़े नियमों में केंद्र सरकार ने बदलाव किया है। नए नियमों के मुताबिक सेवानिवृत्त से पहले ड्यूटी के दौरान यदि कर्मचारी की मौत होती है तो कर्मचारी के परिवार के उस सदस्य या सदस्यों को ही मुआवजा दिया जाएगा, जिन्हें कर्मचारी ने नॉमिनी बनाया हुआ है।

सर्विस काल में मौत पर केंद्र सरकार देती है मुआवजा

दरअसल केंद्रीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्त से पहले अगर मौत होती है तो नियमों के मुताबिक सरकार उक्त कर्मचारी के परिवार को मुआवजा देती है। अब तक इस मामले में नॉमिनी बनाने की बाध्यता नहीं थी। लेकिन अब मुआवजा परिवार के उसी सदस्य या सदस्यों को मिलेगा, जिन्हें कर्मचारी ने अपने सर्विस काल के दौरान नॉमिनी बनाया होगा।


वहीं सरकार द्वारा जारी एक मेमारेंडम के मुताबिक केन्द्रीय कर्मचारियों की मौत पर मिलने वाली सहायता राशि की रकम समय समय पर संशोधित होती रहती है। अभी तक जो निर्देश था, उसमें यह स्पष्ट नहीं था कि कर्मचारी के मरने के बाद इस मुआवजे का भुगतान परिवार के किस सदस्य को किया जाएगा। इसलिए अभी तक सीसीएस (एक्स्ट्राऑर्डिनरी पेंशन) रूल्स 1939 के तहत परिवार के जो सदस्य एक्स्ट्राऑर्डिनरी फैमिली पेंशन के लिए पात्र हैं, उनहें मुआवजे का भुगतान कर दिया जाता था। इस मामले को वित्त मंत्रालय (व्यय विभाग) के साथ विचार—विमर्श कर जांचा गया।

सरकारी कर्मचारी की मृत्यु पर अन्य एकमुश्त धनराशि जैसे डेथ ग्रेच्युटी, जीपीएफ बैलेंस और सीजीईजीआईएस अमाउंट का भुगतान, कर्मचारी द्वारा बनाए गए नॉमिनीज को कर दिया जाता है। अब यह तय किया गया है कि केन्द्र सरकार के कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर मुआवजे को भी परिवार के उसी सदस्य या सदस्यों को दिया जाएगा, जिन्हें कर्मचारी नॉमिनी बनाकर गया है। इस मामले में भी परिवार से अर्थ वही होगा, जो ग्रेच्युटी के मामले में है। परिवार के सदस्यों के तहत वे सदस्य आएंगे, जो सीसीएस (पेंशन) रूल्स 1972 के नियम 50 के सब रूल 6 में निर्दिष्ट हैं। इस नए बदलाव के लिए कॉमन नॉमिनेशन फॉर्म में भी संशोधन कर दिया गया है।


मेमोरेंडम में यह भी कहा गया है कि इस मामले में सिर्फ परिवार के सदस्य को ही नॉमिनी बनाया जाएगा। परिवार के बाहर के किसी अन्य व्यक्ति (दोस्त या अन्य कोई व्यक्ति) को नॉमिनी नहीं बनाया जा सकता है। यदि कर्मचारी ने किसी को नॉमिनी नहीं बनाया तो सीसीएस (पेंशन) रूल्स के नियम 51 के तहत ग्रेच्युटी के मामलों की तरह परिवार के सभी पात्र मेंबर को मुआवजे की रकम आधी-आधी बांट दी जाएगी।