हवाई जहाज में मोबाइल फ़ोन को फ्लाइट मोड पर क्यों रखा जाता है? अगर ऐसा नहीं किया गया तो क्या होगा, वजह बेहद गंभीर है

फ्लाइट के दौरान फोन: हवाई यात्रा के दौरान अगर फोन को एयरप्लेन मोड पर नहीं रखा जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है।
 
अगर आपने कभी हवाई यात्रा की है तो आपने देखा होगा कि फ्लाइट के उड़ान भरने के लिए जाते ही सभी यात्रियों से कहा जाता है कि उन्हें अपने स्मार्टफोन को फ्लाइट मोड पर रखना होगा या स्विच ऑफ करना होगा। चाहे 2 घंटे की फ्लाइट हो या 2 दिन, अगर आप प्लेन से सफर कर रहे हैं तो आपको हर हाल में फोन को एयरप्लेन मोड पर रखना होगा और इसके लिए हर स्मार्टफोन में एयरप्लेन मोड दिया जाता है। हालांकि इससे लोग न तो फ्लाइट के दौरान किसी को कॉल कर पाते हैं और न ही मैसेज भेज पाते हैं और न ही इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इसके पीछे की वजह नहीं जानते होंगे। अगर आप भी फ्लाइट में सफर करते हैं और आज तक आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताने जा रहे हैं, जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।READ ALSO:-टाटा अल्ट्रोज सीएनजी (Tata Ultros CNG)7.55 लाख में हुई लॉन्च, सनरूफ वाली पहली सीएनजी हैचबैक कार....

 

आखिर स्मार्टफोन को फ्लाइट मोड पर रखने की बात क्यों कही जाती है?
हो सकता है आपको यह बात उतनी गंभीर न लगे जितनी असल में है क्योंकि अगर आपने स्मार्टफोन को फ्लाइट मोड पर नहीं रखा तो विमान के नेविगेशन में दिक्कत आ सकती है और यह बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। ये बात सुनने में भले ही मामूली लगे लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि इसकी वजह से प्लेन बहुत ही भयानक हादसे का शिकार हो सकता है। 

 

फोन को फ्लाइट मोड पर रखना क्यों जरूरी है?
दरअसल, जब आप अपने स्मार्टफोन को फ्लाइट मोड पर रखते हैं तो हवाई यात्रा के दौरान सेल्युलर नेटवर्क से किसी भी तरह से विमान का नेविगेशन प्रभावित नहीं होता है, वहीं अगर आप हवाई यात्रा के दौरान अचानक अपने फोन को फ्लाइट मोड से हटा देते हैं तो ऐसा हो जाएगा। ऐसा करने से सेलुलर नेटवर्क सक्रिय हो जाएगा और इससे विमान का नेविगेशन बुरी तरह प्रभावित होगा और नेविगेशन का काम विमान को रास्ता दिखाना होता है। यदि विमान का नेविगेशन प्रभावित होता है, तो वह अपने पथ से भटक सकता है और अपनी एक्चुअल लोकेशन से दूर किसी अन्य स्थान पर पहुंच सकता है और  गंभीर हादसे का शिकार भी सकता है, ऐसी स्थिति में इस बात पर गंभीरता से जोर देकर फ्लाइट में बैठे सभी यात्रियों फोन एयरप्लेन मोड करवा दिया जाता है।