टेक्नोलॉजी का चमत्कार, नामुमकिन को कर दिया मुमकिन! अब मीलों दूर बैठे लोगों से हो सकेगी आमने-सामने मुलाकात.... 

5G होलोग्राफिक कम्युनिकेशन के जरिए दूर बैठे लोग भी आराम से बात कर सकते हैं। इसका अनुभव वीडियो कॉलिंग से बिल्कुल अलग होगा और ऐसा लगेगा जैसे कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से मौजूद है।
 
मौजूदा समय में अगर हमें किसी से वीडियो कॉल करनी होती है तो हम WhatsApp, Google meet, Zoom का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब ऐसी नई तकनीक सामने आई है, जिसकी मदद से बिना कहीं गए भी वहां मौजूद रहा जा सकता है। दरअसल, पिछले हफ्ते भारत में इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2023 का आयोजन किया गया था। यहां एक खास तकनीक 5जी होलोग्राफिक कम्युनिकेशन की पेशकश की गई। यह 5G इनेबल्ड टेक्नोलॉजी है, जिसमें ट्रांसमिशन वर्चुअली किया जा सकता है।READ ALSO:-AI Deepfake: किसी का फेक वीडियो बनाया तो लगेगा भारी जुर्माना, होगी इतने साल की जेल....

 

आसान भाषा में कहें तो अगर आप किसी दूसरे देश में कॉन्फ्रेंस करना चाहते हैं तो आप वहां गए बिना ही एक साथ 1000 लोगों से जुड़ सकते हैं और वहां मौजूद लोगों से लाइव बात भी कर सकते हैं।

 

इस तकनीक की मदद से यूजर्स 5G होलोग्राफिक कम्युनिकेशन का आनंद ले पाएंगे। इसका मतलब है कि आप न केवल लाइव वीडियो प्रसारित कर पाएंगे, बल्कि वहां मौजूद लोगों की बात सुन भी पाएंगे और जवाब भी दे पाएंगे।

 

5G सॉल्यूशंस के हेड अमित सेठी ने IMC 2023 में न्यूज स्टेशन को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अगर कोई क्लास टीचर है तो वह अपने घर पर भी अपनी क्लास के बच्चों से मिल सकता है और उनको पढ़ा सकता है। अनुभव इतना सहज होता है कि ऐसा लगता ही नहीं कि व्यक्ति उस स्थान पर मौजूद ही नहीं है।

 

होलोग्राफिक संचार कैसे काम करता है?
होलोग्राफिक संचार के लिए, उपयोगकर्ता के पास किसी अन्य स्थान पर एक कैप्चर स्टूडियो और एक होलोक्यूब होना चाहिए। बताया गया कि पहले होलोग्राम में प्री-रिकॉर्डेड वीडियो होते थे, लेकिन अब लाइव कनेक्शन किया जा सकता है। साथ ही इसके जरिए लाइव बातचीत भी की जा सकती है। 

 

होलोग्राफिक संचार में, लाइव वीडियो फ़ीड भेजा जाता है और 2-तरफ़ा संचार की मदद से, इसे वस्तुतः किसी भी मानव शरीर में प्रेषित किया जाता है, जिससे 5G की अपलोडिंग गति और विलंबता में सुधार होता है, जिससे यह प्रतीत होता है कि व्यक्ति शारीरिक रूप से मौजूद है। फिलहाल इस तकनीक की उपलब्धता और कीमत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन अगर भविष्य में ये तकनीक आती है तो कंपनियों को भारी बचत होगी।