Navratri 2021: एक ही दिन है तीसरी और चौथी नवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त व पढ़ें माता चंद्रघंटा और कूष्मांडा व्रत कथा

 
 

Navratri 2021: शारदीय नवरात्र 2021 की शुरुआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में नवरात्र के 9 दिन बेहद शुभ माने जाते हैं। मान्यता है कि इन 9 दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की आराधना करने से मनवांछित फल मिलता है। 7 अक्टूबर को शुरू हुए नवरात्र इस बार 8 दिन के ही हैं। दरअसल इस बार तीसरा और चौथा नवरात्र एक ही दिन शनिवार 9 अक्टूबर को पड़ रहा है। इसीलिए इस बार नवरात्र 8 दिन के ही पड़ रहे हैं।

9 अक्टूबर को 7:38 AM तक तृतीया तिथि आरंभ हैं, जबकि जबकि चतुर्थी 10AM से 4.55 AM तक रहेगी। सूर्योदय के वक्त चतुर्थी नहीं होने से इस तिथि का क्षय होगा। तृतीया और चतुर्थी एक ही दिन पड़ने से मां चंद्रघंटा और मां कुष्मांडा की पूजा भी एक ही दिन की जाएगी।


तीसरे और चौथे नवरात्र पर शुभ मुहूर्त (3d & 4th Navratr Shubh Muhurt)

ब्रह्म मुहूर्त- 04:40AM से 05:29AM

अभिजित मुहूर्त- 11:45AM से 12:31AM

विजय मुहूर्त- 02:05AM से 02:51AM

गोधूलि मुहूर्त- 05:46AM से 06:10AM

अमृत काल- 08:48AM से 10:15AM

रवि योग- 06:18AM से 04:47AM

मां चंद्रघंटा की व्रत कथा (Maa  chandrghanta Vrat Katha)

बहुत समय पहले जब असुरों का आतंक बढ़ गया था तब उन्हें सबक सिखाने के लिए मां दुर्गा ने अपने तीसरे स्वरूप में अवतार लिया था। दैत्यों का राजा महिषासुर राजा इंद्र का सिंहासन हड़पना चाहता था जिसके लिए दैत्यों की सेना और देवताओं के बीच में युद्ध छिड़ गई थी। वह स्वर्ग लोक पर अपना राज कायम करना चाहता था जिसके वजह से सभी देवता परेशान थे। सभी देवता अपनी परेशानी लेकर त्रिदेवों के पास गए।


मां कुष्मांडा व्रत कथा (Maa Kushmanda Vrat Katha)

पौराणिक मान्यता के अनुसार, मां कूष्मांडा से तात्पर्य है कुम्हड़ा। कहा जाता है कि मां कूष्मांडा ने संसार को दैत्यों के अत्याचार से मुक्त करने के लिए ही अवतार लिया था। इनका वाहन सिंह है। हिंदू संस्कृति में कुम्हड़े को कुष्मांड कहते हैं इसलिए इस देवी को कुष्मांडा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था देवी ने ही ब्रह्मांड की रचना की थी। इन्हें आदि स्वरूपा और आदिशक्ति भी कहा जाता है। मान्यता है कि इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में स्थित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।