दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2024: कल बृहस्पतिवार को दीपावली, इस शुभ मुहूर्त में करें लक्ष्मी पूजा, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, उपाय और महत्व
दिवाली का त्यौहार हमें अपने जीवन से अंधकार रूपी बुराइयों को दूर कर प्रकाश लाने का संदेश देता है। इस त्यौहार को सुख-समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं इस साल दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
Updated: Oct 30, 2024, 23:29 IST
भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक दिवाली को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत और ज्ञान पर अज्ञान की जीत का प्रतीक है। दिवाली के दिन घरों को दीपों से सजाया जाता है, जो अंधकार को दूर कर रोशनी लाते हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि ज्ञान और अच्छाई हमेशा अज्ञानता और बुराई पर विजय प्राप्त करती है। READ ALSO:-बिजनौर: मुठभेड़ के दौरान दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार, पैर में लगी गोली, मदद के बहाने युवती से किया था दुष्कर्म
दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जो धन और समृद्धि की देवी हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन लक्ष्मी जी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों को धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। भारत के कुछ हिस्सों में दिवाली को नए साल की शुरुआत के तौर पर भी मनाया जाता है, इस दिन नया काम शुरू करना शुभ माना जाता है। इस साल दिवाली का त्योहार कल यानी 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दिवाली की शाम को किस शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali 2024 Pooja Ka Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:37 बजे से रात 8:45 बजे तक रहेगा. यह समय देवी लक्ष्मी की पूजा और उनका आशीर्वाद पाने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजे से आधी रात तक रहेगा. इस दौरान घरों की साफ-सफाई की जाती है, दीये जलाए जाते हैं और देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिससे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन 3 शुभ मुहूर्त में भी लक्ष्मी पूजा की जा सकती है (Lakshmi Pooja 2024 Time)
- प्रदोष काल में पूजा मुहूर्त का समय- 31 अक्टूबर 2024, शाम 05:35 बजे से रात 08:11 बजे तक पूजा की जा सकती है।
- वृषभ काल में पूजा मुहूर्त समय – 31 अक्टूबर 2024, पूजा का समय शाम 06:21 बजे से 08:17 बजे तक रहेगा।
- निशिता काल में पूजा मुहूर्त समय – 31 अक्टूबर 2024, रात 11:39 बजे से 21:31 बजे तक।
- दिवाली पर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा (दिवाली पूजा विधि)
सुबह जल्दी उठकर पूरे घर की अच्छे से सफाई करें। ध्यान रखें कि दिवाली के दिन घर के किसी भी कोने में धूल या गंदगी जमा न हो। ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी केवल ऐसे घरों में ही निवास करती हैं जहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। सफाई करने के बाद स्नान करके साफ कपड़े पहनें, इसके बाद घर के मंदिर या पूजा स्थल में पूजा करें। इसके बाद शाम की पूजा के लिए पूरे घर को फूल-पत्तियों से सजाएं। दरवाजों पर तोरण लगाएं और घर के मुख्य द्वार को खास तरीके से सजाएं। देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए मुख्य द्वार और पूजा स्थल के पास रंगोली बनाएं।
अब पूजा के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें. इस दिन धन की भी पूजा की जाती है, इसलिए पूजा स्थल पर धन अवश्य रखें. कुबेर जी की तस्वीर या मूर्ति भी स्थापित करें. पूजा स्थल को फूल, रंगोली और चंदन से सजाएं. अब शुद्ध घी का दीपक और सुगंधित धूप जलाएं और गणेश जी, लक्ष्मी जी और कुबेर जी को रोली, अक्षत, फूल आदि अर्पित करें और आरती करें. आप चाहें तो पूजा के दौरान लक्ष्मी मंत्र और कुबेर मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. पूजा के बाद भोग लगाएं. इस दिन देवी लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है. पूजा के बाद पूरे घर में दीपक जलाएं.
दिवाली के दिन करें ये उपाय भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को हाथी बहुत प्रिय माना जाता है. इसलिए देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर में चांदी या सोने की धातु का ठोस हाथी रखें. मान्यता है कि ऐसा करने से राहु के बुरे प्रभाव का असर कम होता है. पीली कौड़ियां देवी लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती हैं. दिवाली के दिन सफेद कौड़ियों को हल्दी के घोल में भिगोकर पीला करके लाल कपड़े में बांधकर दिवाली की पूजा में रखें। पूजा के बाद इन्हें घर की तिजोरी में रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
दिवाली का महत्व
दिवाली का त्योहार भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और सामाजिक बंधन को मजबूत करता है। दिवाली के दौरान लोग कई तरह के उत्सव मनाते हैं। दीये जलाना दिवाली का अहम हिस्सा है। मान्यता है कि दीये जलाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। दिवाली पर पटाखे जलाने की परंपरा है, दिवाली पर मिठाई बनाना और बांटना भी परंपरा का हिस्सा है।
दिवाली का त्योहार भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और सामाजिक बंधन को मजबूत करता है। दिवाली के दौरान लोग कई तरह के उत्सव मनाते हैं। दीये जलाना दिवाली का अहम हिस्सा है। मान्यता है कि दीये जलाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। दिवाली पर पटाखे जलाने की परंपरा है, दिवाली पर मिठाई बनाना और बांटना भी परंपरा का हिस्सा है।
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। खबरीलाल मीडिया इसकी पुष्टि नहीं करता है।