Uttarakhand 'देवताओं की झील' देखने की कोशिश में 9 लोगों की मौत, 15,000 फीट पर 'महातूफान' में फंसे थे ट्रैकर्स, 13 लोगों को सुरक्षित बचाया
उत्तराखंड में ट्रैकिंग पर फंसे लोगों को बचा लिया गया है। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि, 13 लोगों को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया है।
Jun 6, 2024, 15:21 IST
'देवताओं की झील' देखने की चाहत ने 9 लोगों की जान ले ली। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सहस्त्रताल ट्रैक पर हुए दर्दनाक हादसे ने हर किसी का दिल तोड़ दिया है। 22 लोग एडवेंचर के लिए निकले थे, लेकिन मौत के जाल में फंस गए। अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और सभी 13 लोगों को बचा सुरक्षित लिया गया है। 15,000 फीट की ऊंचाई पर, जहां चारों तरफ कड़ाके की ठंड और बर्फ है, अचानक खराब मौसम की वजह से वहां पर बड़ी आफत आ गई थी।READ ALSO:-अलर्ट! दुनियाभर में फैला बर्ड फ्लू, इससे पहली मौत यहां हुई, जानें क्या हैं इसके लक्षण, ऐसे बचें बर्ड फ्लू से
ये सभी ट्रैकर कहां से हैं?
हिमालयन व्यू ट्रैकिंग एजेंसी, मनेरी के अनुसार, 22 लोगों में से 18 कर्नाटक, एक महाराष्ट्र और तीन स्थानीय गाइड थे। अब तक 13 लोगों को बचाया जा चुका है। नौ शवों को नीचे उतारा जा चुका है। पता चला है कि 22 लोगों में से दो की तबीयत बीच रास्ते में ही खराब हो गई और वे कल्याण बेस कैंप लौट आए। बचाव में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गई।
ये एक बेहद लाजवाब ट्रैक है
सहस्त्रताल झील का ट्रैक "देवताओं की झील" और सात झीलों की यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। उत्तरकाशी जिले की यह घाटी बेहद खूबसूरत है और यहीं पर यह झील मौजूद है। रास्ते में कई और झीलें भी हैं। यह हमेशा ही ट्रेकर्स के लिए रोमांच का केंद्र बना रहता है। साथ ही उत्तराखंड के लोगों के लिए इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। हर साल स्थानीय लोग यहां एक अनुष्ठान करते हैं जिसमें वे भगवान को अपने कंधों पर उठाकर झील के चारों ओर घुमाते हैं। इस झील के बारे में एक कहानी यह भी है कि भगवान विष्णु ने अनुष्ठान पूरा करने के लिए यहां एक हजार फूल चढ़ाए थे।
सहस्त्रताल झील का ट्रैक "देवताओं की झील" और सात झीलों की यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। उत्तरकाशी जिले की यह घाटी बेहद खूबसूरत है और यहीं पर यह झील मौजूद है। रास्ते में कई और झीलें भी हैं। यह हमेशा ही ट्रेकर्स के लिए रोमांच का केंद्र बना रहता है। साथ ही उत्तराखंड के लोगों के लिए इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। हर साल स्थानीय लोग यहां एक अनुष्ठान करते हैं जिसमें वे भगवान को अपने कंधों पर उठाकर झील के चारों ओर घुमाते हैं। इस झील के बारे में एक कहानी यह भी है कि भगवान विष्णु ने अनुष्ठान पूरा करने के लिए यहां एक हजार फूल चढ़ाए थे।