UP की योगी सरकार लाई ये नया कानून, बीमा से लेकर मुआवजे तक का है प्रावधान, इन प्वाइंट में समझें इसके लाभ 

उत्तर प्रदेश में नया लिफ्ट और एस्केलेटर एक्ट 2024 पास होने के बाद नए 'न्यू नोएडा' के उन लोगों को काफी फायदा होगा जो गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, जेवर एयरपोर्ट के आसपास या फिर बुलंदशहर के आसपास बसने जा रहे हैं। अब पूरे उत्तर प्रदेश में लोगों को घरों, दुकानों, फ्लैटों, सोसायटी और मॉल में लिफ्ट से चढ़ने से लेकर उतरने तक जीवन की सुरक्षा की गारंटी मिलेगी।
 
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने करोड़ों लोगों की जिंदगी से जुड़ा एक अहम कानून विधानसभा से पास कर दिया है। अगले कुछ दिनों में इस बिल की अधिसूचना जारी होने के बाद यह कानून पूरे राज्य में लागू हो जाएगा। इस नए कानून से खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर के शहरों नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद के साथ-साथ कानपुर, वाराणसी और लखनऊ जैसे शहरों में रहने वाले करोड़ों लोगों को फायदा होगा। इस कानून के लागू होने के बाद आम लोगों को बेहतर सुरक्षा, दुर्घटना की स्थिति में मुआवजा और अन्य प्रकार की सेवाएं मिल सकेंगी। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश योगी सरकार नया लिफ्ट एक्ट लेकर आई है। इस अधिनियम में आम उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए कई प्रावधान किये गये हैं।READ ALSO:-Yamuna Expressway पर बस-कार की टक्कर, 5 लोग जिंदा जले...धमाके के साथ जल गईं दोनों गाड़ियां, यात्रियों ने बचने के लिए शीशे तोड़े और बस से कूदे

 

इस बिल के आने के बाद खासकर नए 'न्यू नोएडा' के उन लोगों को काफी फायदा होगा जो गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, जेवर एयरपोर्ट के आसपास या फिर बुलंदशहर के आसपास बसने जा रहे हैं। यहां के लोगों को अब घरों, दुकानों, फ्लैटों, सोसायटी और मॉल में लिफ्ट में चढ़ते समय जीवन की सुरक्षा की गारंटी मिलेगी। किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर परिवार वालों को बीमा का लाभ मिलेगा। आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश लिफ्ट और एस्केलेटर बिल 2024 की मुख्य बातें। 

 

इस बिल की 20 बड़ी बातें
  • यह कानून सोसायटी में लगी पुरानी लिफ्टों पर भी लागू होगा।
  • लिफ्ट संचालकों को 30 माह के भीतर तकनीकी संसाधन जुटाने होंगे।
  • लिफ्ट और एस्केलेटर में ऑटो रेस्क्यू डिवाइस लगाना अनिवार्य होगा।
  • आपातकालीन घंटियाँ, पर्याप्त रोशनी, सीसीटीवी कैमरे और टेलीफोन लगाना भी अनिवार्य है।
  • लिफ्ट के अंदर ऑपरेटर का नंबर और आपातकालीन कॉल नंबर मोटे अक्षरों में लिखना अनिवार्य है।
  • लिफ्ट ऑपरेटर किराये पर लेना अनिवार्य होगा। 
  • यदि लिफ्ट संचालक या मालिक साल में दो बार मेंटेनेंस नहीं कराएंगे तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
  • निजी और सार्वजनिक स्थानों पर लिफ्ट या एस्केलेटर का उपयोग करने वाले लोगों को बीमा कराना होगा।
  • केवल लिफ्ट लगाने वाले बिल्डरों और मालिकों को ही बीमा कराना होगा।
  • दुर्घटना होने पर मालिक को तय मुआवजा देना होगा।
  • मुआवजा देने में देरी की स्थिति में सरकार बकाया के रूप में अपना राजस्व वसूल करेगी। 
  • लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम 2024 लागू होने के 6 महीने के भीतर पंजीकरण अनिवार्य।
  • किसी भी तरह की दुर्घटना की सूचना 24 घंटे के अंदर थाने को देनी होगी। 
  • जांच जिलाधिकारी, विद्युत निरीक्षक एवं कार्यपालक दंडाधिकारी द्वारा करायी जायेगी।
  • लिफ्ट लगाने में गड़बड़ी की शिकायत पर मजिस्ट्रेट सीधे नोटिस जारी करेंगे।
  • लिफ्ट लगाने के संबंध में संबंधित अधिकारी को जानकारी देनी होगी।
  • सार्वजनिक स्थानों पर लगी लिफ्टों को दिव्यांगों के लिए उपयुक्त बनाना होगा।
  • लिफ्ट खराब होने की स्थिति में यदि निर्धारित समय सीमा के अंदर इसे ठीक नहीं कराया गया तो परिचालन बंद कर दिया जायेगा।
  • लिफ्ट लगाने से पहले राज्य सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी को सूचित करना होगा.
  • यह नया कानून सरकारी दफ्तरों और मॉल्स में लागू होगा।

 

गौरतलब है कि पहले उत्तर प्रदेश में लिफ्ट हादसों को लेकर कोई कानून नहीं था।  पूरे उत्तर प्रदेश में लिफ्ट दुर्घटनाएं 'अंधे कानून' की तरह काम करती हैं। इसके आने के बाद अब दिल्ली-एनसीआर के जीडीए, नोएडा अथॉरिटी, नगर निगम, मार्केट कॉम्प्लेक्स समेत हजारों सरकारी दफ्तर भी इस कानून के दायरे में आ जाएंगे। इस कानून के आने से उत्तर प्रदेश के पुराने शहर गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर के न्यू नोएडा और बुलंदशहर के कई हिस्सों में बन रही सोसायटियों को फायदा होगा।