उत्तर प्रदेश: भीषण ठंड के बीच 15 दिन के लिए बंद प्राइमरी विद्यालय, 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक रहेगा शीतकालीन अवकाश

उत्तर प्रदेश के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में 31 दिसंबर से 14 जनवरी 2022 तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। बेसिक शिक्षा विभाग के टाइम एंड मोशन स्टडी के आदेश के तहत पहली बार शीतकालीन अवकाश दिया जा रहा है। यह आदेश कक्षा एक से कक्षा आठ तक लागू होगा। 
 

उत्तर प्रदेश के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में 31 दिसंबर से 14 जनवरी 2022 तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। बेसिक शिक्षा विभाग के टाइम एंड मोशन स्टडी के आदेश के तहत पहली बार शीतकालीन अवकाश दिया जा रहा है। इससे पहले जिलाधिकारी के आदेश पर विभिन्न जिलों के स्कूलों में अवकाश रहा है। यह आदेश कक्षा पहली से आठवीं तक लागू रहेगा।Read Also:-स्वास्थ्य मंत्रालय: 15 से 18 साल के बच्चों के टीकाकरण और बुजुर्ग-फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की प्रीकॉशन डोज के लिए दिशा-निर्देश जारी, पढ़ें नियम

बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए अभिभावकों की अनुमति लेनी जरूरी 
ओमिक्रॉन के खतरे के चलते स्कूल किसी भी छात्र को उपस्थित होने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। बच्चों को स्कूल भेजने से पहले माता-पिता की सहमति लेनी होगी। शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसको लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा के आदेश पर गाइडलाइन जारी की है। यह गाइडलाइन उत्तर प्रदेश के सभी बोर्ड के स्कूलों पर लागू होगी। परिषद सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने संभागीय संयुक्त निदेशक शिक्षा और डीआईओएस को इसे सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।  स्कूलों को विकल्प के तौर पर ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था करनी होगी। यदि विद्यालय में किसी में सर्दी, बुखार आदि के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे चिकित्सकीय परामर्श के साथ उनके घर भिजवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कोई भी कार्यक्रम तभी आयोजित किया जाए जब उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके।

प्रार्थना सभा में भी लागू होना चाहिए नियम
यदि विद्यालय में प्रार्थना सभा का आयोजन हो रहा हो या किसी प्रकार की खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधि हो रही हो तो ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण रूप से पालन किया जाए। शिक्षकों और कर्मचारियों का टीकाकरण भी अनिवार्य किया जाए। स्कूलों को रोजाना सैनिटाइज करना होगा। प्रवेश करते समय शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों की थर्मल स्कैनिंग की जानी चाहिए। गेट पर ही हैंडवाशिंग और हैंड सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की जाए। स्कूल की छुट्टियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। स्कूल के अंदर भी कम से कम छह फीट की दूरी का पालन किया जाए। स्कूली वाहनों को भी रोजाना सैनिटाइज किया जाए। बसों आदि के अंदर भी शारीरिक दूरी बनाकर रखी जाए।