उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग की नई योजना, स्मार्ट मीटर डिस्कनेक्शन-रीकनेक्शन पर लगेगा इतना पैसा....

उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं से पैसे वसूलने की नई योजना बनाई है। पावर कॉरपोरेशन बिजली उपभोक्ताओं का लोड बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को मैसेज अलर्ट भेजने और कनेक्शन काटने और दोबारा कनेक्शन लेने पर शुल्क वसूलने की रणनीति बनाई जा रही है।
 
उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं से पैसे वसूलने की नई योजना बनाई है। पावर कॉरपोरेशन बिजली उपभोक्ताओं का लोड बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को मैसेज अलर्ट भेजने और कनेक्शन काटने और दोबारा जोड़ने पर चार्ज लेने की रणनीति बनाई जा रही है। पावर कॉरपोरेशन की ओर से दिए गए प्रस्ताव के मुताबिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर कनेक्शन जोड़ने और काटने पर 50 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।READ ALSO:-1 जुलाई से हो रहा है इन नियमों में बदलाव, जानिए इनका आपकी जेब पर क्या पड़ेगा असर?

 

बिजली काटने का मैसेज भेजने पर 10 रुपये का चार्ज
वहीं, रिचार्ज खत्म होने के बाद बिजली काटने का मैसेज भेजने पर भी कॉरपोरेशन 10 रुपये चार्ज लेने की तैयारी कर रहा है। अभी तक इन दोनों सेवाओं पर किसी तरह का कोई चार्ज नहीं लिया जाता है। पावर कॉरपोरेशन के इस प्रस्ताव का राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विरोध किया है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन ने जिन दोनों सुविधाओं पर चार्ज लेने का प्रस्ताव दिया है, वे सिस्टम जनरेटेड हैं, तो इसके लिए चार्ज कैसे लिया जा सकता है।

 

पूरे देश में कहीं नहीं लिया जाता चार्ज
पूरे देश में कहीं भी एसएमएस अलर्ट के लिए 10 रुपये का चार्ज नहीं लिया जाता है। रीकनेक्शन और डिस्कनेक्शन पर शुल्क देना पड़ता है क्योंकि कनेक्शन को डिस्कनेक्ट और रीकनेक्ट करने के लिए विभाग को सीढ़ी लेकर जाना पड़ता है। इसके लिए मैनपावर की जरूरत होती है। जबकि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में रीकनेक्शन और डिस्कनेक्शन ऑनलाइन होता है, इसमें मैनपावर का इस्तेमाल नहीं होता। उन्होंने बताया कि बकाया होने पर कनेक्शन काटने से पहले उपभोक्ता को 15 दिन का लिखित नोटिस देने का प्रावधान है।