उत्तर प्रदेश: श्री रामचरित मानस की प्रतियां जलाने के आरोप में स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 9 लोगों पर मुकदमा, पांच हुए गिरफ्तार

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में रविवार को अखिल भारतीय ओबीसी महासभा वृंदावन योजना तिराहे पर रविवार सुह करीब 10 बजे विरोध प्रदर्शन किया था। महासभा के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने श्रीरामचरित मानस के पन्नों की प्रतियां जलाईं थीं।
 
श्री रामचरित मानस के पृष्ठों की प्रतियां जलाने के मामले में पीजीआई पुलिस ने रविवार देर रात स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 9 नामजद व कुछ अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने सोमवार सुबह पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश में छापेमारी जारी है। Read Also:-यूपी बोर्ड परीक्षा 2023 के लिए गाइडलाइन हुई जारी, जानिए नकल रोकने के लिए क्या है उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का प्लान....

 

अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने श्री रामचरित मानस पर विवादित बयान देने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में रविवार को सुबह करीब 10 बजे वृंदावन योजना तिराहे पर धरना दिया। महासभा के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने श्री रामचरित मानस के पृष्ठों की प्रतियों का दहन किया।

 

महासभा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने सनातन धर्म संस्कृति व श्री राम चरित मानस की चौपाई व तुलसीदास पर भी सवाल उठाते हुए जमकर नारेबाजी की।  महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र यादव ने कहा था कि श्री रामचरित मानस में जातियों को लेकर गलत बातें लिखी गई हैं। संविधान में संशोधन किए जाने का हवाला देते हुए राज्य सरकार की ओर से श्री रामचरित मानस में लिखे श्लोकों को हटाने और संशोधित करने का बयान जारी किया गया था। जल्द संशोधन नहीं हुआ तो सड़क पर उतरकर विरोध करने की बात कही गई।

 

 

सतनाम सिंह का आरोप है कि उक्त आरोपियों ने श्री रामचरित मानस की प्रतियां जलाकर जानबूझकर एक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने, सांप्रदायिक दंगे फैलाने, नफरत फैलाने, लोगों को हिंसा के लिए उकसाने, सार्वजनिक व्यवस्था और राज्य की कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का माहौल कोशिश की। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि उक्त मामले में देवेंद्र सिंह, सलीम समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य की तलाश जारी है। अन्य को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।