UP : सरकार ने 18 घंटे तक छिपाए रखा सच, 6 जगह हुई भगदड़, मुख्यमंत्री योगी दें इस्तीफा…स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने की इस्तीफे मांग

 बद्रीनाथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर कहा है कि सीएम योगी ने घटना को 18 घंटे तक छिपाए रखा। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक सही मौत के आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं।
 
Swami Avimukteshwarananda
वैसे तो उत्तर प्रदेश सरकार शुरू से ही कह रही थी कि महाकुंभ 2025 के लिए सभी इंतजाम दुरुस्त हैं, लेकिन मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ से हकीकत सामने आ गई है। इसको लेकर कई संत नाराज हैं, जबकि कई संत इसे महज एक हादसा मान रहे हैं। हालांकि बद्रीनाथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस पर खुलकर अपने विचार रखे हैं। उन्होंने अपना विरोध जताते हुए नाराजगी जताई है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग की है। READ ALSO:-मेरठ : महिला ग्राम प्रधान के घर देर रात गली में आए कार सवार बदमाशों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, मुकदमा दर्ज

 

उन्होंने कहा कि भगदड़ जैसी हृदय विदारक घटना को छिपाना ठीक नहीं है, ऐसे में सीएम को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मीडिया से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि लोगों ने सरकार के दावों पर विश्वास कर लिया था। 

 

 

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि हमारे सीएम ने इतनी बड़ी घटना को एक-दो नहीं बल्कि 18 घंटे तक छिपाया। इसके बाद भी लोगों की मौत का आंकड़ा छिपाया जा रहा है। सीएम ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें। शंकराचार्य ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री ने स्पष्टीकरण नहीं दिया, उन्हें लगा कि सारी बातें अफवाह हैं और सरकार की व्यवस्थाओं को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। हालांकि 18 घंटे बाद सीएम ने खुद हादसे और लोगों की मौत की बात स्वीकार की। 

 

मुख्यमंत्री योगी संत नहीं हैं, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संत नहीं हैं। अगर वह संत होते तो लोगों की मौत जैसे दर्दनाक हादसे को नहीं छिपाते। संत कुछ भी नहीं छिपाते, वह सामने आकर स्वीकार करते हैं। अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि इतनी बड़ी घटना के बाद सीएम योगी को इस्तीफा दे देना चाहिए और उनकी जगह किसी योग्य व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।

 

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि घुंसी की घटना का कहीं जिक्र नहीं किया गया है। शंकराचार्य ने कहा कि पुलिस अधिकारी ने उन्हें बताया है कि 1-2 नहीं बल्कि 6 जगहों पर भगदड़ जैसे हालात थे। कितने लोग मरे, इस पर उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़ा 30 है। शंकराचार्य ने कहा कि मृतकों की सही संख्या भी अभी तक छिपाई जा रही है। हालांकि, अब तक 49 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 25 लोगों की पहचान हो गई है जबकि 24 लोग अभी भी अज्ञात हैं।

 

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जो संत कह रहे हैं कि भगदड़ में मरने वाले लोगों को मोक्ष मिल गया है, उन संतों को भी गंगा में धकेलकर मोक्ष दिया जाना चाहिए। क्या वे इसके लिए तैयार हैं? उन्होंने कहा कि यह कहना बहुत आसान है कि जो बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग कुचले गए और तड़प-तड़प कर मरे, उन्हें मोक्ष मिल गया। सरकार को सीसीटीवी जारी करना चाहिए या सभी को इसकी पहुंच देनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।