UP : संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में पथराव और आगजनी, तीन लोगों की मौत, SP-CO और इंस्पेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल

उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर बवाल हो गया। उपद्रवियों ने एएसआई टीम पर पथराव किया और आगजनी की। इस दौरान गोलियों की आवाज भी सुनी गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। इस घटना में तीन लोगों की जान चली गई और पूरे इलाके में तनाव व्याप्त है। पथराव और फायरिंग के कई वीडियो सामने आए।
 
शाही जामा मस्जिद का 4 दिन बाद दोबारा सर्वे शुरू हुआ तो बवाल हो गया। सर्वे करने पहुंची टीम के मस्जिद में प्रवेश करने के बाद एकत्रित भीड़ हिंसक हो गई। देखते ही देखते पुलिस बल पर पथराव होने लगा। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके बाद आंसू गैस के गोले भी दागे गए। लेकिन उपद्रव बढ़ता ही गया। पथराव में सीओ-इंस्पेक्टर, एसपी के गनर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के पैर में भी चोट आई है। जबकि कई पुलिसकर्मियों की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और उनकी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। इस मामले में करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। जबकि एसपी के पैर में भी चोट आई है। वही SP ने कहा है उन पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। मुरादाबाद मंडल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने तीन लोगों की मौत की पुष्टि की।READ ALSO:-मेरठ : जय श्री राम न बोलने पर खिलाड़ी की पिटाई, शूटिंग खिलाड़ी को अगवा कर जबरन उतरवाए कपड़े, अस्पताल में भर्ती

 

रविवार को अधिवक्ता आयोग के रमेश राघव, हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, अधिवक्ता गोपाल शर्मा, प्रिंस शर्मा, विष्णु शर्मा सुबह साढ़े सात बजे दोबारा शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंचे। जामा मस्जिद के सदर जफर अली के अलावा मस्जिद कमेटी से जुड़े लोग भी मौजूद रहे। जबकि डीएम डॉ. राजेंद्र सिंह पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई समेत भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात रहा। मस्जिद की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग लगाई गई थी, ताकि भीड़ एकत्र न हो, लेकिन ये उपाय नाकाफी रहे।

 

 

उपद्रवियों पर लगेगा एनएसए: एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि पुलिस को निशाना बनाकर पथराव किया गया। कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। मेरे पैर में भी चोट आई है। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के वाहनों को निशाना बनाया गया है। पास में अन्य बाइक व अन्य वाहन खड़े थे, लेकिन उपद्रवियों ने उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्होंने कहा कि माहौल खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन सभी की पहचान कर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मौके पर शांति व्यवस्था बहाल है। 

 

 

कोर्ट ने याचिका पर दिया था आदेश 
हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को जिला कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। जिसके बाद कोर्ट ने सर्वे का आदेश जारी किया था। उसी दिन सर्वे भी कराया गया, जिसके बाद सियासी बवाल मच गया था। बता दें कि इस मामले में सर्वे रिपोर्ट 26 नवंबर तक कोर्ट में पेश करनी है, जबकि अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।

 

 

एक दिन पहले ही सपा सांसद के पिता समेत 48 लोगों पर पुलिस ने की थी कार्रवाईः शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे के बीच प्रशासन ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पिता मौलाना ममलुकुर्रहमान बर्क को शनिवार को ही 10 लाख रुपये के मुचलके से पाबंद किया था। इसके अलावा जिले के 46 अन्य लोगों को भी पांच-पांच लाख रुपये के मुचलके से पाबंद किया गया था। एसडीएम संभल डॉ. वंदना मिश्रा के मुताबिक शांति व्यवस्था के मद्देनजर 48 लोगों के मुचलके भरवाए गए हैं। इनमें दो लोगों के खिलाफ 10-10 लाख रुपये के मुचलके पाबंद किए गए हैं। इनमें एक सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पिता मौलाना ममलुकुर्रहमान बर्क और दूसरे समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष फिरोज खां हैं। इसके अलावा 46 लोगों के खिलाफ पांच-पांच लाख रुपये के मुचलके भरे गए हैं।
19 नवंबर को एक बार हो चुका है सर्वे 
संभल की शाही जामा मस्जिद का 19 नवंबर को एक बार सर्वे हो चुका है। हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को संभल के चंदौसी की जिला अदालत में केस दायर किया था। यह केस सुबह 11 बजे जिला अदालत में दायर किया गया था। इस केस की सुनवाई दोपहर एक बजे हुई। कोर्ट कमिश्नर का आदेश शाम चार बजे दिया गया। शाम छह बजे कोर्ट कमिश्नर सर्वे के लिए शाही जामा मस्जिद पहुंचे। करीब साढ़े सात बजे कोर्ट कमिश्नर सर्वे कर बाहर निकले।

 

500 साल पुरानी है मस्जिद 
पुरातत्व विभाग के मुताबिक संभल की शाही जामा मस्जिद करीब 500 साल पुरानी है। इस इमारत को साल 1920 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत संरक्षित इमारत घोषित किया गया था। संभल की जामा मस्जिद का जिक्र बाबरनामा में मिलता है। संभल जामा मस्जिद के अधिवक्ता जफर अली के अनुसार मुगल शासक बाबर के आदेश पर मीर बेग ने 1529 में इस मस्जिद का निर्माण कराया था। जामा मस्जिद समतल भूमि पर बनाई गई है, जिसका प्रमाण उनके पास है। उन्होंने हिंदू पक्ष के दावों को निराधार बताते हुए दावा किया कि जामा मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई है। 

 

हिंदू पक्ष ने याचिका में पेश किए ये साक्ष्य 
शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने वाले हिंदू पक्ष का दावा है कि यह पहले श्री हरिहर मंदिर था। बाबर ने 1529 में मस्जिद का निर्माण कराया था। बाबर ने ही मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। मस्जिद बनाते समय यहां मौजूद हरिहर मंदिर को तोड़ दिया गया था। इसके अलावा बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी को आधार बनाया गया। साथ ही एएसआई की करीब 150 साल पुरानी किताब को भी साक्ष्य के तौर पर शामिल किया गया है। हिंदू पक्ष ने शक संवत का नक्शा पेश किया है जो हजारों साल पुराना है। कहा जाता है कि भविष्य में भगवान कल्कि यहां अवतार लेंगे। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद में मंदिर होने के कई संकेत हैं। इसको लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। 

 

हजारों साल पुराना नक्शा मौजूद
 केला देवी मंदिर के दावेदार ऋषि राज गिरि और जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने वाले वादी का कहना है कि उनके पास संभल का एक हजार साल पुराना नक्शा है, जो शक संवत 987 का है। नक्शे में शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर के रूप में मौजूद है। इतना ही नहीं, हजार साल पुराने नक्शे में संभल को तीर्थराज संभल के रूप में अंकित किया गया है। नक्शे में संभल के 68 तीर्थ और 19 कुएं भी दर्शाए गए हैं।