UP : दूधवालों का बनेगा आईडी कार्ड, कराना होगा रजिस्ट्रेशन, तभी मोहल्ले और कस्बे में बेच सकेंगे दूध

 दूध और दूध से बने उत्पादों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नया नियम लागू किया है जिसकी शुरुआत गोरखपुर से हुई है। इस नियम का उल्लंघन करने पर 2 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
 
उत्तर प्रदेश में दूध और दूध से बने उत्पादों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पहली बार राज्य में दूधियों के लिए पहचान पत्र रखना अनिवार्य कर दिया गया है। इस पहल की शुरुआत गोरखपुर से की गई है, जहां खाद्य एवं रसद विभाग दूधियों को पहचान पत्र जारी कर रहा है। अब राज्य में दूध बेचने के लिए पंजीकरण कराना जरूरी होगा और इस नियम का उल्लंघन करने पर दो लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है।

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बिना पंजीकरण के दूध बेचने पर रोक
अब यूपी में बिना पहचान पत्र के कोई भी दूधिया या विक्रेता दूध नहीं बेच सकेगा। गोरखपुर में खाद्य विभाग ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है। सभी दूधियों को खाद्य विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। पंजीकरण न कराने वाले दूधियों के लाइसेंस खाद्य निरीक्षक दूध मंडी में जाकर बनाएंगे। पंजीकरण के लिए 100 रुपये का शुल्क तय किया गया है। दूध और दूध से बने उत्पादों में मिलावट रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

 

डेयरियों के लिए भी लाइसेंस अनिवार्य 
गोरखपुर के सहायक खाद्य आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि दूधियों के साथ ही 500 लीटर से अधिक दूध बेचने वाली डेयरियों को भी लाइसेंस लेना होगा। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश में दूध और दूध से बने उत्पादों में मिलावट के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस दिशा में कदम उठाए गए हैं। 

 

रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो क्या होगा 
खाद्य सुरक्षा विभाग ने दूधियों के रजिस्ट्रेशन के लिए विशेष कैंप लगाने की योजना बनाई है। रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले दूधियों को नोटिस जारी किया जाएगा और उनका दूध जब्त किया जा सकता है। इसके अलावा विभाग ने उपभोक्ताओं और दुकानदारों को शिकायत करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9415331893 जारी किया है। शिकायत का उसी दिन समाधान किया जाएगा। दूध की शुद्धता जांचने के लिए खाद्य विभाग की टेस्टिंग वैन की सुविधा भी उपलब्ध है। 

 

दूधियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है 
डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि नियमों का पालन न करने पर कोर्ट में केस दर्ज कराया जाएगा और पुष्टि होने पर दो लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। विभाग इस अभियान को लेकर सख्त है, ताकि मिलावटखोरी पर लगाम लगाई जा सके। वहीं, कुछ दूधियों ने भी विभाग की इस पहल का समर्थन किया है और दूध के दाम तय करने की मांग की है।