UP : सुल्तानपुर डकैती में शामिल था मंगेश, जाति के आधार पर कार्रवाई नहीं करती पुलिस; जानिए DPG ने और क्या किए खुलासे?

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में हुई डकैती का खुलासा करते हुए DGP ने कहा कि पुलिस जाति के आधार पर कार्रवाई नहीं करती है। वहीं, अखिलेश यादव ने भी इस मामले में सरकार को घेरा। लेकिन यूपी के DGP ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चौंकाने वाले दावे किए हैं। उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने मामले में कई सबूत पेश किए हैं।
 
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने मंगेश एनकाउंटर को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। डीजीपी ने बताया कि सुल्तानपुर में ज्वैलर्स की दुकान पर हुई डकैती में मंगेश यादव शामिल था। वारदात को अंजाम देने के लिए जौनपुर से दो बाइक चोरी की गई थी। पुलिस ने 3 सितंबर को मंगेश के घर दबिश दी थी। तब घरवालों ने बताया था कि वह मुंबई में है और 3 महीने से घर नहीं आया है। Read also:-बिजनौर : शेरकोट के तिपरजोत गांव में 'शिवमनाथ' नाम से मंदिर में रहने वाला सनव्वर हुसैन अचानक हुआ गायब, पुलिस को ढूंढने में करनी पड़ी मशक्कत!

 

बता दें कि इस एनकाउंटर पर लगातार आरोप लग रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। पूरा विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है। अब डीजीपी ने विपक्ष के सवालों का जवाब देकर मामले पर सवालिया निशान लगा दिया है।

 

 

डीजीपी ने बताया कि अनुज, फुरकान, मंगेश यादव, अरबाज, अंकित और एक अज्ञात डकैत ने वारदात को अंजाम दिया था। लेकिन विनय, विपिन सिंह, अरविंद, विजय और दुर्गेश उनकी सुरक्षा के लिए दुकान के बाहर खड़े थे। डीजीपी ने दुकान की रेकी, बाइक चोरी, मंगेश के परिजनों के बयान और डकैती की फुटेज समेत तमाम सबूत भी मीडिया को मुहैया कराए। उन्होंने कहा कि एनकाउंटर को लेकर बेवजह भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। 

 

यूपी पुलिस कभी जाति और धर्म देखकर कार्रवाई नहीं करती। आरोपियों का आपराधिक कृत्य ही दिखता है। कई बार पुलिस एनकाउंटर में जवानों की जान भी चली जाती है। हर कार्रवाई में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किया जाता है। 

 

ट्रिगर हैप्पी नहीं है पुलिस
पुलिस सुल्तानपुर की घटना के बाद ज्वैलर्स एसोसिएशन ने पुलिस कार्रवाई की तारीफ की है। डकैती में लूटा गया माल बरामद कर लिया गया है। जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि अब तक किसी भी मामले में पुलिस पर कोई सवाल नहीं उठे हैं। पुलिस ट्रिगर हैप्पी नहीं है। हाथरस की घटना को लेकर पुलिस की गलत छवि पेश करने की कोशिश की गई है। कोर्ट में पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराया गया है। डीजीपी ने वह वीडियो भी दिखाया जिसमें आरोपी की बहन और मां यह स्वीकार कर रही हैं कि वह दो बार जेल गया।