UP : छोटे शहरों में बिना नक्शे के नहीं बना पाएंगे मकान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस मास्टर प्लान से खत्म होगा अवैध निर्माण का खेल!
उत्तर प्रदेश योगी सरकार अब छोटे शहरों के लिए भी मास्टर प्लान बनाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश में 63 ऐसे शहर हैं जहां महानगर की तर्ज पर भू-उपयोग के आधार पर नक्शा पास किया जाएगा।
Sep 24, 2024, 11:00 IST
उत्तर प्रदेश में छोटे शहरों का योजनाबद्ध तरीके से विकास करने और भवन निर्माण में मनमानी रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब छोटे शहरों के लिए भी मास्टर प्लान बनाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश में 63 ऐसे शहर हैं, जहां महानगरों की तर्ज पर भू-उपयोग के आधार पर नक्शा पास किया जाएगा। आवास विभाग के आला अधिकारी भी इसकी तैयारी में जुटे हैं।
छोटे शहरों में बिल्डिंग निर्माण के लिए बनेंगे मानक
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि बड़े शहरों की तरह छोटे शहरों के विकास और भवन निर्माण के लिए भी मानक तैयार किए जाएं। अभी तक एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए मास्टर प्लान बनता था, वहीं अब 50 हजार से एक लाख की आबादी वाले 63 शहरों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। आवास विभाग भवन निर्माण और विकास के लिए यह प्लानिंग कर रहा है।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि बड़े शहरों की तरह छोटे शहरों के विकास और भवन निर्माण के लिए भी मानक तैयार किए जाएं। अभी तक एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए मास्टर प्लान बनता था, वहीं अब 50 हजार से एक लाख की आबादी वाले 63 शहरों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। आवास विभाग भवन निर्माण और विकास के लिए यह प्लानिंग कर रहा है।
मास्टर प्लान कहां लागू होगा?
इसे उन शहरों में लागू किया जाएगा, जहां विकास प्राधिकरण नहीं है, यानी नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत वाले शहर इसके दायरे में आएंगे। विभाग अमृत योजना से जुड़े 59 शहरों के लिए पहले चरण का मास्टर प्लान तैयार कर रहा है, जो अंतिम चरण में है। जबकि दूसरे चरण में 63 और शहरों के लिए मास्टर प्लान लागू करने की तैयारी चल रही है।
इसे उन शहरों में लागू किया जाएगा, जहां विकास प्राधिकरण नहीं है, यानी नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत वाले शहर इसके दायरे में आएंगे। विभाग अमृत योजना से जुड़े 59 शहरों के लिए पहले चरण का मास्टर प्लान तैयार कर रहा है, जो अंतिम चरण में है। जबकि दूसरे चरण में 63 और शहरों के लिए मास्टर प्लान लागू करने की तैयारी चल रही है।
बगैर प्लानिंग के शहरों का विस्तार और अवैध निर्माण बड़ी समस्या
दरअसल, छोटे शहरों का विस्तार बिना प्लानिंग के हो रहा है और वहां भवन निर्माण के लिए कोई मानक तय नहीं हैं, लोग मनमाने तरीके से निर्माण कार्य करते हैं। सड़कों के किनारे की जमीन पर बने मकान और व्यावसायिक इमारतें खतरे को बढ़ाती हैं। प्लान तैयार होने के बाद उसके हिसाब से भवन निर्माण की अनुमति दी जाएगी और नक्शा पास किया जाएगा।
दरअसल, छोटे शहरों का विस्तार बिना प्लानिंग के हो रहा है और वहां भवन निर्माण के लिए कोई मानक तय नहीं हैं, लोग मनमाने तरीके से निर्माण कार्य करते हैं। सड़कों के किनारे की जमीन पर बने मकान और व्यावसायिक इमारतें खतरे को बढ़ाती हैं। प्लान तैयार होने के बाद उसके हिसाब से भवन निर्माण की अनुमति दी जाएगी और नक्शा पास किया जाएगा।
क्या है नियम अभी?
जिन शहरों में विकास प्राधिकरण नहीं है, वहां नगर निकाय का बोर्ड नियमानुसार नक्शा पास करता है। इसमें जमीन का उपयोग कैसे होगा और फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) का कोई ध्यान नहीं रखा जाता। जिसके चलते बड़े नक्शे पास करने में खूब मनमानी होती है।
जिन शहरों में विकास प्राधिकरण नहीं है, वहां नगर निकाय का बोर्ड नियमानुसार नक्शा पास करता है। इसमें जमीन का उपयोग कैसे होगा और फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) का कोई ध्यान नहीं रखा जाता। जिसके चलते बड़े नक्शे पास करने में खूब मनमानी होती है।