UP : बच्चों का शोषण रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी, सभी जिलों के बीएसए को भेजा पत्र, नियमों का सख्ती से पालन कराने का निर्देश

 उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्कूलों में बच्चों के शोषण को रोकने के लिए गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में सरकार की ओर से सभी जिलों के बीएसए को पत्र जारी कर दिया गया है।
 
योगी सरकार ने स्कूलों में बच्चों के शोषण को रोकने के लिए गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में सरकार की ओर से सभी जिलों के BSA को पत्र जारी कर दिया गया है। जिसमें उन्हें निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि स्कूलों में शोषण को रोकने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक, शिक्षकों व अन्य लोगों की होगी. दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।READ ALSO:-मेरठ : हिंदू संगठनों ने फूंका AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का पुतला, कहा- जो वंदे मातरम नहीं गा सकता, उसे भारत में रहने का हक नहीं

 

प्राचार्य, शिक्षकों व कर्मचारियों को नियमों का पालन करने के निर्देश
बेसिक शिक्षा विभाग के राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने सभी जिलों के BSA को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, संयुक्त विद्यालय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय गाइडलाइन का पालन करें। साथ ही सभी प्राचार्यों, शिक्षकों, कर्मचारियों, वार्डन एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें।

 

दिशानिर्देश 23 फरवरी 2015 को जारी किए गए थे
23 फरवरी 2015 को सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन जारी की गई थी। जिसका उद्देश्य बच्चों और किशोर अपराधियों की सुरक्षा करना है। साथ ही शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी भी निर्धारित की। उसी गाइडलाइन को अब सख्ती से लागू किया जाएगा।

 

बस के अंदर हेल्पलाइन नंबर लिखा होना चाहिए
राज्य के प्रत्येक विद्यालय के प्रबंधन/विद्यालय प्रबंधन समिति एवं प्राचार्यों की यह जिम्मेदारी है कि वे विद्यालय परिसर में या विद्यालय से आने-जाने के रास्ते में या विद्यालय के बाहर फील्ड विजिट के दौरान ऐसा वातावरण तैयार करें, जो विद्यालय में बच्चों को पूरी सुरक्षा प्रदान करे। साथ ही लड़के-लड़कियों का शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण न हो।

 

इसमें स्कूल परिसर को सुरक्षित बनाने के लिए कई तरह के उपाय भी बताए गए हैं। इसमें स्कूल बसों में GPRS सिस्टम के साथ ही चालक व हेल्पर का वेरिफिकेशन अनिवार्य किया गया है। साथ ही बस के अंदर चाइल्ड हेल्पलाइन और महिला हेल्पलाइन नंबर और थाने के नंबर लिखे होने चाहिए।

 

प्रत्येक बस में दो शिक्षकों की व्यवस्था इस प्रकार हो कि वे बच्चों के साथ बस से स्कूल जा सकें। बच्चों में आपसी समन्वय व जागरुकता के लिए अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं, वहीं विभिन्न संस्थाओं से मदद लेने व अन्य उपाय करने की जानकारी दी है।