UP : आजम खान के जौहर ट्रस्ट से योगी सरकार ने एक झटके में वापस ली जमीन, UP की योगी कैबिनेट से पास हुए ये 20 प्रस्ताव....

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 21 में से 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसमें सबसे अहम फैसला ये है कि सरकार ने आजम खान के जौहर ट्रस्ट को दी गई शिक्षा विभाग की जमीन वापस ले ली है।
 
जेल में बंद समाजवादी पार्टी नेता आजम खान को उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने बड़ा झटका दिया है। कैबिनेट बैठक में सरकार ने आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी को दी गई जमीन छीन ली है। सपा सरकार के दौरान आजम ने रामपुर के मुर्तजा हायर सेकेंडरी स्कूल की बिल्डिंग समेत पूरा परिसर मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट को 99 साल की लीज पर दे दिया था। करीब 100 करोड़ रुपये कीमत की 3825 वर्ग मीटर की इस प्रॉपर्टी का सालाना किराया सिर्फ 100 रुपये तय किया गया था। READ ALSO:-UP : कारोबारी के बेटे की अपहरण के बाद हत्या, ट्यूशन टीचर के प्रेमी के घर मिला शव, 30 लाख रुपये की फिरौती के लिए की गई हत्या

 

इसके लिए आजम खान ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से समझौता भी किया था, लेकिन अब सरकार ने इस समझौते की शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए पट्टा रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार सुबह 11 बजे लोकभवन में कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में विभिन्न विभागों के करीब एक दर्जन प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिसमें शिक्षा विभाग की ओर से इस जमीन का प्रस्ताव भी शामिल था। इस प्रस्ताव पर विचार करते हुए सरकार ने एक झटके में जमीन वापस लेने का फैसला किया है। 

 

इस फैसले के तहत आजम खान के दफ्तर के साथ-साथ रामपुर पब्लिक स्कूल की जमीन भी खाली कराई जाएगी। आपको बता दें कि भारतीय पार्टी विधायक आकाश सक्सेना ने यह मुद्दा उठाया था। इसमें विधायक ने आरोप लगाया था कि आजम खान ने पट्टे की शर्तों का उल्लंघन किया है। आपको बता दें कि आजम खान ने तोपखाना रोड स्थित सरकारी जमीन पर पार्टी कार्यालय दारुल अवाम और रामपुर पब्लिक स्कूल का निर्माण कराया था। यह जमीन भी पट्टे पर थी। अब लीज रद्द होने के बाद सरकार जल्द ही इस पर कब्जा कर लेगी। 

 

आरोप है कि आजम खान ने समाजवादी पार्टी सरकार में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राजकीय मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की इमारत और जमीन शिक्षा विभाग से पट्टे पर ले ली थी. वहीं, दारुल अवाम और रामपुर पब्लिक स्कूल ने तोपखाना रोड पर अपना कार्यालय स्थापित किया था। दरअसल, जिस भवन में दारुल अवाम स्थित है, उसमें जिला विद्यालय निरीक्षक का कार्यालय था, जबकि रामपुर पब्लिक स्कूल के भवन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कार्यालय था.

 

आजम ने इस बिल्डिंग को 2012 में मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के नाम पर लीज पर दिया था। इस लीज डीड के प्वाइंट नंबर 7 में साफ लिखा है कि आवंटित जमीन पर यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी और एक साल के अंदर इसका संचालन शुरू कर दिया जाएगा। प्रावधान किया गया कि इस भूमि का उपयोग किसी अन्य प्रयोजन के लिए नहीं किया जाएगा। इसी आधार पर विधायक ने डीएम को शिकायत दी थी। डीएम ने जांच कर रिपोर्ट शासन को भेज दी। अब इस रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट ने लीज रद्द कर दी है। 

 

साथ ही सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की जांच के लिए डीएम रवींद्र कुमार मांदर के नेतृत्व में एक जांच कमेटी भी गठित की गयी है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जब आजम खान ने इस जमीन पर कब्जा किया तो यहां 4000 बच्चे पढ़ते थे। इसके बावजूद आजम खान के प्रभाव के चलते किसी भी अधिकारी ने आपत्ति करने की हिम्मत नहीं दिखाई और जमीन खाली कराकर आजम खान को सौंप दी गई। उस वक्त उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, आजम खान खुद कैबिनेट मंत्री थे और उनके पास शहरी विकास, अल्पसंख्यक कल्याण जैसे सात मजबूत विभाग थे।