UP : झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड की वजह आई सामने...10 बच्चे जले जिंदा, छह की हुई पहचान; चार का होगा DNA टेस्ट.... 

उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी भीषण आग में 10 नवजात बच्चों की जान चली गई। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग से लगी आग ने NICU को अपनी चपेट में ले लिया। सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। तीन कमेटियां जांच करेंगी। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मौके पर पहुंचे।
 
उत्तर प्रदेश के झाँसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में शुक्रवार रात लगी भीषण आग ने कई परिवारों को बड़ा दर्द दिया। जब आग लगी तो पूरे वार्ड में ऑक्सीजन चालू थी। ऑक्सीजन ने तुरंत आग पकड़ ली और एक के बाद एक कई धमाके हुए। आग फैलती चली गई। आग की लपटें देखकर चारों तरफ चीख पुकार मच गई। जो समझ पाया, वह राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास करने लगा। कोई बच्चों को बाहर निकाल रहा था तो कोई वार्ड के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था। READ ALSO:-मेरठ : रिटायर्ड महिला प्रोफेसर की दम घुटने से मौत, चूहों ने कुतर दिया था शव, 3 दिन बाद दुर्गंध आने पर हुई जानकारी

 

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि आग लगते ही वार्ड ब्वॉय ने अग्निशमन यंत्र खोलकर चलाया, लेकिन यह काफी नहीं था। स्टाफ और परिजनों ने तुरंत आग पर काबू पाने के साथ ही वहां भर्ती बच्चों को बचाने की कोशिश शुरू कर दी। सभी ने मिलकर 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। 

 


10 की मौत, 6 की पहचान हुई 
मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में लगी आग में 10 नवजात बच्चों की जान चली गई। इनमें से अब तक 6 बच्चों की पहचान हो चुकी है, जबकि 4 की पहचान नहीं हो सकी है। 16 बच्चों का मेडिकल कॉलेज, 4 बच्चों का वात्सल्य अस्पताल, 3 बच्चों का मैटरनिटी तथा एक-एक बच्चे का जिला अस्पताल व मऊरानीपुर स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है। इसके अलावा 4 बच्चे अपने परिजनों के साथ घर जा चुके हैं।

 

 

दो बच्चों के माता-पिता नहीं मिले
मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में लगी आग से जिंदा बचाए गए दो मासूम बच्चों के माता-पिता नहीं मिले हैं। उनकी तलाश की जा रही है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन व अन्य स्रोत उनके माता-पिता को खोजने में लगे हुए हैं।

 

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, सरकार परिजनों के साथ है
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना के कारणों को हर हाल में तथ्यात्मक रूप से सामने लाया जाएगा। किन कारणों से और कैसे घटना हुई, किसकी लापरवाही रही। ये सारी बातें सामने लाई जाएंगी। पूरी सरकार मृतक और घायल बच्चों के परिजनों के साथ खड़ी है। निर्देश दिया गया है कि सभी घायलों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं दी जाएं।

 

सभी कारणों को सामने लाएंगे
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि जानकारी मिलते ही वह जिला और मेडिकल कॉलेज प्रशासन के संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि उनके साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव भी आए हैं। घटना के हर पहलू की जांच की जाएगी। हर हाल में घटना के कारणों को स्पष्ट किया जाएगा। अगर लापरवाही है और अगर यह दुर्घटना है तो सभी कारणों को सामने लाया जाएगा। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों, कर्मचारियों और पैरामेडिकल कॉलेज स्टाफ की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि सभी ने बच्चों को आग से बचाने के लिए कड़ी मेहनत की। 

 

तीन कमेटियां जांच करेंगी 
शनिवार की सुबह मेडिकल कॉलेज पहुंचे प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना की जानकारी ली। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए तीन कमेटियां बनाई गई हैं।

 

  • पहली जांच शासन स्तर पर स्वास्थ्य विभाग करेगा। इसमें फायर ब्रिगेड के अधिकारी भी शामिल रहेंगे।
  • दूसरी जांच जिला स्तर पर प्रशासन करेगा।
  • तीसरी मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अलग से डीआईजी और कमिश्नर से पूरे घटनाक्रम की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट 12 घंटे के अंदर मांगी है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

 

मृतक बच्चों के परिजनों को मिलेगा 5-5 लाख रुपये का मुआवजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक बच्चों के परिजनों को तत्काल 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। साथ ही इस घटना में झुलसे बच्चों के समुचित इलाज की व्यवस्था की गई है और उनके परिजनों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है।

 

प्रारंभिक जांच शुरू, 24 घंटे में आएगी रिपोर्ट
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है। इसकी रिपोर्ट 24 घंटे में आएगी। उसके बाद मजिस्ट्रेट रिपोर्ट आएगी। रिपोर्ट मिलते ही हम कार्रवाई करेंगे। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।