उत्तर प्रदेश के इस शहर में 500 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है रामायण यूनिवर्सिटी, राम और लक्ष्मण पर होगी पीएचडी
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामायण यूनिवर्सिटी बन रही है जिसमें राम पर शोध किया जाएगा। महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय का 80 प्रतिशत काम लिया गया है। कक्षा बारहवीं से यहां प्रवेश ले लेंगे।
Updated: Oct 18, 2024, 14:53 IST
अयोध्या सनातन परंपरा को आगे ले जाने वाली और श्री राम के भक्तों के लिए तीर्थ स्थल है। रामनगरी अब एक नया अध्याय लिखने जा रही है। दरअसल, यहां राष्ट्रीय राजमार्ग 32 पर रामायण विश्वविद्यालय लगभग 80 प्रतिशत बनकर तैयार हो चुका है। इस विश्वविद्यालय का निर्माण महर्षि महेश योगी रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट द्वारा 500 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। READ ALSO:-UP : दीपावली पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का तोहफा, 1.86 करोड़ परिवारों को मिलेगा मुफ्त LPG सिलेंडर....
21 एकड़ में विकसित किए जा रहे इस विश्वविद्यालय में छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। यह अगले साल अप्रैल तक पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। यहां छात्र रामायण पर शोध करेंगे।
कुल 12 भवनों का निर्माण
रामायण विश्वविद्यालय में कुल 12 भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जो सभी चार मंजिला होंगे। ये भवन अत्याधुनिक शैक्षणिक सुविधाओं से लैस होंगे। इस संबंध में परियोजना प्रबंधक मुकेश सक्सेना ने बताया कि यह विश्वविद्यालय एक अनूठा शैक्षणिक संस्थान होगा जो भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के साथ ही उसे आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करेगा।
रामायण विश्वविद्यालय में कुल 12 भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जो सभी चार मंजिला होंगे। ये भवन अत्याधुनिक शैक्षणिक सुविधाओं से लैस होंगे। इस संबंध में परियोजना प्रबंधक मुकेश सक्सेना ने बताया कि यह विश्वविद्यालय एक अनूठा शैक्षणिक संस्थान होगा जो भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के साथ ही उसे आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करेगा।
छात्रों के लिए ज्ञान का केंद्र
अयोध्या में बनने वाले इस विश्वविद्यालय में स्नातक, परास्नातक और शोध के कई पाठ्यक्रम होंगे, जिसके माध्यम से छात्र बहुआयामी ज्ञान अर्जित कर सकेंगे। छात्रों को अच्छी शिक्षा देने के लिए विश्वविद्यालय में अनुभवी शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी।
अयोध्या में बनने वाले इस विश्वविद्यालय में स्नातक, परास्नातक और शोध के कई पाठ्यक्रम होंगे, जिसके माध्यम से छात्र बहुआयामी ज्ञान अर्जित कर सकेंगे। छात्रों को अच्छी शिक्षा देने के लिए विश्वविद्यालय में अनुभवी शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी।
यह विश्वविद्यालय स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर शोधकर्ताओं और विद्वानों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। यह न केवल छात्रों के लिए ज्ञान का केंद्र बनेगा, बल्कि रामायण जैसे ग्रंथों के अध्ययन के माध्यम से भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने का अवसर भी होगा। साथ ही इस विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा।