यूपी में बिजली संकट: कोयले की कमी से बंद हुए 8 पावर प्लांट; त्योहारी सीजन में पूरे प्रदेश में छा सकता है अंधेरा

Electricity Crisis in Uttar Pradesh : हालात अगर जल्द नहीं सुधरे तो यह बिजली कटौती और ज्यादा बढ़ जाएगी और यूपी के शहरी क्षेत्रों में भी घोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है।

 
Electricity Crisis in Uttar Pradesh : कोयले की कमी से उत्तरप्रदेश में बिजली संकट (Power shortage in UP) की शुरुआत हो गई है, वहीं यदि जल्द इसका समाधान नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में बिजली का बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। दरअसल कोयले की कमी के कारण उत्तरप्रदेश की 8 यूनिट बंद हो गई हैं। ऐसे में प्रदेश के कुछ महानगरों को छोड़कर ज्यादातर जगहों पर 7 से 8 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है। सबसे ज्यादा बिजली कटौती पूर्वांचल और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के ग्रामीण इलाकों में देखी जा रही है। हालात अगर जल्द नहीं सुधरे तो यह बिजली कटौती और ज्यादा बढ़ जाएगी और शहरी क्षेत्रों में भी घोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। Read Also : ABP C-Voter Survey: उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में किसकी बनेगी सरकार, आया सर्वे का परिणाम; पढ़ें

 

4500 मेगावाट कम मिल रही बिजली

दरअसल वर्तमान में पूरे उत्तरप्रदेश में 20000 से 21000 मेगावाट के बीच बिजली की डिमांड है, लेकिन कोयले की कमी के कारण करीब 4 हजार मेगावाट कम यानि सिर्फ 17000 मेगावाट बिजली ही सप्लाई हो रही है। प्रदेश के 8 पावर प्लांट कोयले की कमी से और 6 पावर प्लांट अन्य कारणों से बंद हैं। कोयले की कमी से बंद पावर प्लांट के कारण यूपी में करीब 2700 मेगावाट बिजली उत्पादन कम हो रहा है। इसके अलावा तकनीकि कारणों से बंद पावर प्लांट से भी 1800 मेगावाट बिजली हीं तैयार हो रही है। यानि पावर काॅरपोरेशन को करीब 4500 मेगावाट बिजली कम मिल रही है। उधर अब त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है और बिजली की डिमांड और ज्यादा बढ़ गई है। औद्योगिक और घरेलू बिजली खपत पीक पर हैं, ऐसे समय में बिजली संकट का गहराना एक बड़ी मुसीबत की ओर इशारा कर रहा है।  Read Also: फिर आया सुनहरा मौका, सरकार करोड़ों लोगों के खातों में डालने जा रही है 2000-2000 रुपये; ऐसे चेक करें अपना नाम

 

अभी रहेगी यह परेशानी

उधर पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं कि प्रदेश में बिजली संकट है और 15 अक्टूबर तक अभी यह परेशानी रह सकती है। प्रदेश में बिजली की कमी को पूरा करने के लिए पावर कॉरपोरेशन एक्सचेंज से 15 से 20 रुपए यूनिट की दर से बिजली खरीद रहा है। यहां कीमत अधिक होने के कारण पावर कॉरपोरेशन पर ज्यादा भार पड़ रहा है इसीलिए वह ज्यादा बिजली नहीं खरीद पा रहा है। ऐसे में समस्या और बढ़ रही है।

 

कोयले का बकाया भी नहीं जमा

बताया जा रहा है कि प्रदेश में अभी बिजली संकट की समस्या ज्यादा बढ़ेगी। दरअसल ज्यादातर पावर प्लांटों ने कोयला कंपनी का पेमेंट नहीं किया है। उत्पादन निगम के कई पावर प्लांटों पर कोयले का पेमेंट बकाया है। उधर कोयला कंपनियों के पास भी कोयले का कम उत्पादन हो रहा है। ऐसे में कोयला कंपनियों ने तय किया है कि जिन प्लांटों का पेमेंट होगा उन्हें ही पकोयले की सप्लाई की जाएगी।

 

ऊर्जा मंत्री का बयान

राज्य के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार और कोल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से प्रदेश में बिजली आपूर्ति सामान्य करने के प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य स्रोतों से भी बिजली खरीदी जा रही है। 

 

ये पावर प्लांट हुए बंद

  • ललितपुर यूनिट- 2660 मेगावॉट
  • ललितपुर यूनिट- 3660 मेगावॉट
  • रोजा यूनिट- 2300 मेगावॉट
  • ऊंचाहार यूनिट- 6190 मेगावॉट
  • हरदुआगंज यूनिट- 9250 मेगावॉट
  • पारीछा यूनिट- 4210 मेगावॉट
  • पारीछा यूनिट- 5250 मेगावॉट
  • हरदुआगंज यूनिट-7105 मेगावॉट