नवरात्र के पहले दिन अराजक तत्वों द्वारा मंदिर में खंडित की गईं थी मूर्तियां, अब कैसे हैं देवबंद में हालात?
सहारनपुर के देवबंद में अराजक तत्वों ने एक मंदिर में घुसकर मूर्तियों को खंडित कर दिया था। इस घटना की जानकारी के बाद पूरे गांव में गुस्सा है। हालांकि, समय रहते पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई और लोगों को शांत कराया। हरिद्वार से नई मूर्तियां लाने के लिए एक टीम बनाकर भेज दी गई है।
Oct 16, 2023, 14:57 IST
एक तरफ देशभर में नवरात्रि के दौरान भक्ति का माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के देवबंद में उपद्रवी तत्वों ने माहौल खराब करने की कोशिश की है। यहां बदमाशों ने प्राचीन मंदिर में घुसकर दो देवताओं की मूर्तियां खंडित कर दीं। इस घटना को लेकर गांव के लोगों में काफी गुस्सा है। हालांकि, समय रहते पुलिस और प्रशासन की टीम हरकत में आ गई और मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित कर लिया था। READ ALSO:-अग्निवीर सैनिक को गार्ड ऑफ ऑनर न देने पर सेना ने जारी किया स्पष्टीकरण, कहा- हम कोई भेदभाव नहीं करते
घटना देवबंद कोतवाली थाना क्षेत्र के भायला खुर्द गांव की है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, नवरात्रि के पहले दिन जब कुछ महिलाएं इस प्राचीन मंदिर में पूजा के लिए पहुंचीं तो मूर्तियों के खंडित अवशेष इधर-उधर बिखरे पड़े थे। जब लोगों ने मूर्तियां देखीं तो हैरान रह गये। कुछ ही देर में यह खबर पूरे गांव में फैल गई और लोग इकट्ठा होने लगे।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, शरारती तत्वों ने इस मंदिर में स्थापित भैरव बाबा, काली माता और भगवान जाहरवीर की मूर्तियों को खंडित कर दिया है। उपद्रवियों ने हथौड़े और छेनी से हमला कर इन मूर्तियों को तोड़ दिया। बाबा भैरव और भगवान जाहरवीर की मूर्तियाँ पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। एसडीएम और सीओ ने खुद मौके का निरीक्षण किया और ग्रामीणों के साथ एक टीम बनाकर नई मूर्तियां लाने के लिए हरिद्वार भेजी।
इधर, पुलिस ने इस अपराध को अंजाम देने वाले बदमाशों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। एसडीएम अंकुर वर्मा और सीओ अशोक कुमार सिसौदिया ने कहा कि जल्द ही इस घटना में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस उनकी पहचान के लिए मैनुअल और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने बताया कि नई मूर्तियां आते ही उन्हें पूरे विधि-विधान के साथ मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा।