प्राण-प्रतिष्ठा से पहले रामलला की पहली तस्वीर, इस पर विष्णु के 10 अवतार; ओम, स्वस्तिक, शंख-चक्र भी मौजूद, केंद्रीय मंत्री ने किया साझा
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के अभिषेक से पहले भगवान राम का दिव्य स्वरूप सामने आया। अब 22 जनवरी को भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके बाद भगवान राम की मूर्ति पर बांधी गई पट्टी खोली जाएगी।
Jan 19, 2024, 16:43 IST
अयोध्या में भव्य राम मंदिर में राम लला की प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। गुरुवार को रामलला की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया। देर रात मंदिर में स्थापित रामलला की तस्वीर भी सामने आ गई। इन सबके बीच शुक्रवार को रामलला की एक और तस्वीर सामने आई है। इस मूर्ति की केवल आंखों पर पीले रंग की पट्टी बंधी हुई है। इससे पहले जो तस्वीर वायरल (Ram Lla Viral Photo) हुई थी, उसमें मूर्ति पीले और सफेद रंग के कपड़े से ढकी हुई थी। रामलला की इस तस्वीर को खुद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने अपने ट्विटर पर शेयर किया है। READ ALSO:-बिलकिस बानो के गुनहगारों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, सरेंडर को नहीं मिली मोहलत, 21 जनवरी को ही करना होगा सरेंडर
इस मूर्तिकार ने बनाई है रामलला की मूर्ति
की रामलला की 51 इंच की इस मूर्ति को कर्नाटक के मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है। अरुण योगीराज ने मूर्ति में भगवान राम के 5 साल के बाल रूप को उकेरा है। मूर्ति की लंबाई 51 इंच है, जबकि ऊंचाई 7 फीट 19 इंच है। मूर्ति का वजन 200-220 किलोग्राम बताया जा रहा है। अरुण योगीराज ने रामलला की इस मूर्ति को काले रंग के पत्थर से बनवाया है। श्याम शिला हजारों वर्ष पुरानी है और जल प्रतिरोधी भी है।
की रामलला की 51 इंच की इस मूर्ति को कर्नाटक के मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है। अरुण योगीराज ने मूर्ति में भगवान राम के 5 साल के बाल रूप को उकेरा है। मूर्ति की लंबाई 51 इंच है, जबकि ऊंचाई 7 फीट 19 इंच है। मूर्ति का वजन 200-220 किलोग्राम बताया जा रहा है। अरुण योगीराज ने रामलला की इस मूर्ति को काले रंग के पत्थर से बनवाया है। श्याम शिला हजारों वर्ष पुरानी है और जल प्रतिरोधी भी है।
गुरुवार को रामलला गर्भगृह में विराजमान हो गये
प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया कि गुरुवार दोपहर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान राम की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया गया। उन्होंने बताया कि मुख्य संकल्प ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र ने लिया। अरुण दीक्षित ने बताया कि प्रधान संकल्प की भावना यह है कि भगवान राम की प्रतिष्ठा सभी के कल्याण के लिए, राष्ट्र के कल्याण के लिए, मानवता के कल्याण के लिए और जिन लोगों ने इसमें योगदान दिया है, उनके लिए भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा अन्य अनुष्ठान भी आयोजित किये गये और ब्राह्मणों को वस्त्र भी दिये गये।