UP में एनकाउंटर : 5.5 लाख के इनामी डकैत गौरी यादव को UP STF ने मार गिराया, आतंक की दास्तान सुनकर कांप उठेगी रूह

UP STF ने चित्रकूट में बड़ी कार्रवाई करते हुए 5.5 लाख के इनामी डकैत गौरी यादव को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया (Dakait Gauri Yadav Death)। 
 
 

Gauri Yadav Encounter : उत्तर प्रदेश STF ने चित्रकूट में बड़ी कार्रवाई करते हुए 5.5 लाख के इनामी डकैत गौरी  यादव को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया (Dakait Gauri Yadav Death)। डकैत गौरी यादव (Gori yadav Encounter News) के पास से AK47 रायफल और तमाम असलहे बरामद हुए हैं। गौरी यादव यूपी तथा एमपी के विभिन्न थानों में हत्या, अपहरण, फिरौती मांगने व सरकारी कामों में बाधा डालने समेत 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। Read Also : प्‍याज खाने से बढ़ती है SEX ड्राईव, ऐसे करें प्रयोग तो असर देखने को मिलेगा

यह मुठभेड़ चित्रकूट के बाहिलपुरवा थाना क्षेत्र के माधा के पास हुई। बताया जा रहा है यहां गौरी यादव और उसके गिरोह के होने की सटीक जानकारी UP STF टीम को मिली। इसके बाद मौके पर पहुंची यूपी एसटीएफ की टीम ने माधा के पास गौरी यादव के गिरोह को घेर लिया। पुलिस को देखते ही डकैतों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए UP STF ने भी गोलियां चलाईं। दोनों तरफ से सैकड़ों राउंड से अधिक गोलियां चली और आखिर में डकैत गौरी यादव को पुलिस ने ढेर कर दिया।

50 से ज्यादा मुकदमे थे दर्ज

गौरी यादव लंबे समय से उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश पुलिस के लिए सिर दर्द बना हुआ था। उस पर दोनों राज्यों में हत्या, अपहरण और फिरौती मांगने से 50 से ज्यादा मुकदमें दर्ज थे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने गौरी यादव पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था, वहीं मध्य प्रदेश पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। पांच लाख रुपए से ज्यादा का इनामी घोषित होने बाद गौरी यादव चित्रकूट में ददुआ, ठोकिया, रागिया, बलखड़िया और बबुली कोल गिरोह की श्रेणी में पहुंच गया था। 

कौन था गौरी यादव ( Gauri Yadav Encounter)

गौरी यादव यूपी के बहिलपुरवा के बेलहरी का रहने वाला था। 20 साल पहले उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। हालांकि वह वर्ष 2013 में सबसे ज्यादा सुर्खियों में आया था, उस वक्त उसने दिल्ली पुलिस के अफसर की हत्या कर दी थी। वर्ष 2005 में गौरी ने अपना अलग गैंग बना लिया था। 2008 में गौरी यादव को STF ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन वह जल्द ही छूट गया और फिर बाहर आकर उसने और ज्यादा अपराध किए। धीरे-धीरे उसका आतंक बढ़ता जा रहा था।

2016 में अपने ही बेलहरी गांव में गौरी यादव ने 3 गांव वालों को बिजली के खंभे में बांधकर गोली मार दी थी। 2017 में उसने कुलहुआ के जंगल में 3 लोगों को जिंदा जला दिया था। इसी आतंक के दम पर उसकी मां ग्राम प्रधान भी बन गई थीं।