आजम खान: नफरती भाषण मामले में सपा नेता आजम खान दोषी करार, कोर्ट ने दो साल कैद और 2500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई

 सपा नेता आजम खान पर आरोप था कि 18 अप्रैल 2019 को धमारा गांव में एक जनसभा के दौरान उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।  जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। 
 
2019 नफरती भाषण मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को 2 साल की सजा सुनाई गई है। रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। आजम खान ने एक चुनावी सभा में सीएम-डीएम पर आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी की थी।  इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। READ ALSO:-मेरठ : कांवड़ियों के बीच पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मंच से शिव भक्तों पर की पुष्प वर्षा, और जोड़ा भावनात्मक रिश्ता, जयकारों से गूंजा हाईवे, देखें तस्वीरें

 

इस पर बीजेपी ने हंगामा कर दिया था । इसके बाद एडीओ पंचायत अनिल कुमार चौहान ने थाना शहजादनगर में मुकदमा दर्ज कराया था। अनिल ने आजम पर मुख्यमंत्री और रामपुर के तत्कालीन जिला अधिकारी और चुनाव आयोग को निशाना बनाकर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया था।

 

जिस मामले में आजम खान के की विधायकी गई थी, उसी मामले में वह बरी हो गए थे 
बता दें कि 25 मई को नफरती भाषण मामले  के एक और मामले में आजम खान को बड़ी राहत मिली थी। 2019 में प्रधानमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में आजम को रामपुर की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया था। 

 

इस मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट की निचली अदालत ने आजम को 3 साल की सजा सुनाई थी। सजा के बाद उनकी विधायकी चली गयी थी। इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें आजम के खिलाफ केस दर्ज कराने वाले बीजेपी नेता विधायक चुने गए। 

 

2008 में सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में दोषी ठहराया गया था
इससे पहले 14 साल पुराने मामले में आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 2-2 साल की सजा सुनाई थी। दरअसल, 2 जनवरी 2008 को तत्कालीन मुरादाबाद एसएसपी प्रेम प्रकाश ने हरिद्वार हाईवे पर मुरादाबाद के छजलैट थाने के सामने पूर्व मंत्री आजम खान की कार को चेकिंग के लिए रोका था। 

 

इसके बाद उन्होंने आजम की गाड़ी पर लगा हूटर भी उतरवा दिया। इस बात को लेकर विवाद बढ़ गया था। आजम खान वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए। वहीं, आसपास के जिलों से भी सपा नेता और कार्यकर्ता छजलैट पहुंच गए। तब आजम खान और अन्य सपा नेताओं के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने, हंगामा कराने समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था। 

 

आजम खान 27 महीने तक जेल में रहे
आजम खान अलग-अलग मामलों में 27 महीने तक जेल में रहे। 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी। इसके बाद 20 मई की सुबह उन्हें सीतापुर जिला जेल से रिहा कर दिया गया। इस दौरान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम और सपा नेता शिवपाल यादव भी मौजूद रहे। 

 

आजम के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर भी सवाल उठे हैं।आरोप है कि आजम ने जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया था। आजम रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार विधायक रहे हैं।