अग्रिम आरक्षण अवधि में बदलाव, अब 60 दिन पहले बुक हो सकेंगे रेल टिकट, यात्रियों को मिलेगा लाभ
रेलवे ने 1 नवंबर से पैसेंजर ट्रेनों में यात्रियों के लिए एडवांस टिकट बुकिंग की अवधि घटा दी है। अब यात्री दो महीने पहले ही ट्रेनों की बुकिंग करा सकेंगे। जबकि अभी तक यह समय चार महीने का था। हालांकि, विदेशी नागरिकों के लिए 365 दिन पहले टिकट बुक कराने की सुविधा अभी भी जारी रहेगी।
Oct 18, 2024, 08:00 IST
रेलवे ने एक नवंबर से पैसेंजर ट्रेनों में यात्रियों के लिए एडवांस टिकट बुकिंग की अवधि घटा दी है। अब यात्री सिर्फ दो महीने पहले ही ट्रेनों की बुकिंग करा सकेंगे। जबकि अभी तक यह समय चार महीने का था। हालांकि विदेशी नागरिकों के लिए 365 दिन पहले टिकट बुक कराने की सुविधा अभी भी जारी रहेगी। रेलवे के इस कदम से यात्रियों को फायदा होगा, जबकि दलालों को नुकसान उठाना पड़ेगा। Read also:-UP : दीपावली पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का तोहफा, 1.86 करोड़ परिवारों को मिलेगा मुफ्त LPG सिलेंडर....
रेलवे प्रशासन की ओर से ट्रेनों में यात्रियों को एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (एआरपी) दिया जाता है। जिसके खुलने पर यात्री अपनी योजना के अनुसार टिकट बुक कराते हैं। समय-समय पर यात्रियों की सुविधा के अनुसार एआरपी में बदलाव भी किए जाते रहे हैं। अब रेलवे बोर्ड ने एआरपी घटा दी है। पहले यह चार महीने यानी 120 दिन की थी, जिसे अब घटाकर 60 दिन कर दिया गया है। एआरपी घटाने से यात्रियों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर पैसेंजर मार्केटिंग संजय मनोचा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। एक नवंबर से एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (एआरपी) घटा दी जाएगी और 60 दिन पहले ट्रेन टिकटों की एडवांस बुकिंग कराई जा सकेगी। उन्होंने बताया कि 1981 से 1985 तक एआरपी 120 दिन की थी। इसके बाद 1988 तक 90 दिन और फिर 1993 तक 60 दिन की हो गई। 1995 में 45 दिन, 1998 तक 30 दिन, 2007 तक 90 दिन, 2008 तक 60 दिन, 2012 तक 90 दिन, 2013 तक 120 दिन, 2015 तक 60 दिन और 2024 तक 120 दिन की हो गई।
दलालों पर लगेगी लगाम
एआरपी कम करने से दलालों पर लगाम लगेगी। रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार जब एआरपी चार महीने की थी तो दलाल ज्यादातर टिकट एडवांस में बुक कर लेते थे। जिन्हें यात्रियों को मनमाने रेट पर बेचा जाता था। अब दो महीने बाद इस पर लगाम लगेगी और यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग आसान हो जाएगी। एजेंट टिकट ब्लॉक नहीं कर पाएंगे। वे मनमानी कीमतों पर सीटें नहीं बेच पाएंगे।
एआरपी कम करने से दलालों पर लगाम लगेगी। रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार जब एआरपी चार महीने की थी तो दलाल ज्यादातर टिकट एडवांस में बुक कर लेते थे। जिन्हें यात्रियों को मनमाने रेट पर बेचा जाता था। अब दो महीने बाद इस पर लगाम लगेगी और यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग आसान हो जाएगी। एजेंट टिकट ब्लॉक नहीं कर पाएंगे। वे मनमानी कीमतों पर सीटें नहीं बेच पाएंगे।
रेलवे को होगा घाटा, यात्रियों को होगा फायदा
अग्रिम आरक्षण अवधि चार महीने की बजाय दो महीने होने से यात्रियों को फायदा हो सकता है, लेकिन रेलवे को घाटा होगा। अभी चार महीने पहले जब टिकट बुक होते थे तो रेलवे को एडवांस में पैसा मिलता था। अब उसे घाटा उठाना पड़ेगा। चार महीने पहले जब टिकट बुकिंग पर रेलवे को 100 करोड़ रुपये एडवांस मिलते थे, रेलवे के पास फंड था, तब ज्यादातर मामलों में एआरपी में बुक टिकट कैंसिल हो जाते थे, जिसका कैंसिलेशन चार्ज भी रेलवे को मिलता था। अब दो महीने की अवधि में ऐसा कम होगा।
अग्रिम आरक्षण अवधि चार महीने की बजाय दो महीने होने से यात्रियों को फायदा हो सकता है, लेकिन रेलवे को घाटा होगा। अभी चार महीने पहले जब टिकट बुक होते थे तो रेलवे को एडवांस में पैसा मिलता था। अब उसे घाटा उठाना पड़ेगा। चार महीने पहले जब टिकट बुकिंग पर रेलवे को 100 करोड़ रुपये एडवांस मिलते थे, रेलवे के पास फंड था, तब ज्यादातर मामलों में एआरपी में बुक टिकट कैंसिल हो जाते थे, जिसका कैंसिलेशन चार्ज भी रेलवे को मिलता था। अब दो महीने की अवधि में ऐसा कम होगा।
21 फीसदी टिकट कैंसिल, सीटें रहती हैं खाली
रेलवे अधिकारियों का यह भी तर्क है कि एआरपी अधिक होने के कारण सीटें भी खाली रहती हैं। जिससे रेलवे को राजस्व का घाटा होता है। अभी करीब 21 फीसदी टिकट कैंसिल होते हैं और चार से पांच फीसदी यात्री यात्रा नहीं करते। ऐसे में सीटें खाली रहती थीं और रेलवे को घाटा होता था। अब अवधि कम होने से कम सीटें खाली रहेंगी।
रेलवे अधिकारियों का यह भी तर्क है कि एआरपी अधिक होने के कारण सीटें भी खाली रहती हैं। जिससे रेलवे को राजस्व का घाटा होता है। अभी करीब 21 फीसदी टिकट कैंसिल होते हैं और चार से पांच फीसदी यात्री यात्रा नहीं करते। ऐसे में सीटें खाली रहती थीं और रेलवे को घाटा होता था। अब अवधि कम होने से कम सीटें खाली रहेंगी।