विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना : विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से परंपरागत रोजगार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दे रही बढ़ावा  

उत्तर प्रदेश योगी सरकार की विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना पारंपरिक श्रमिकों के लिए जीवन रक्षक साबित हो रही है। उत्तर प्रदेश में इन श्रमिकों को पहले उद्योग विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है, फिर टूल किट भी प्रदान की जा रही हैं।
 
योगी सरकार की विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना परंपरागत श्रमिकों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। उत्तर प्रदेश में उद्योग विभाग द्वारा इन श्रमिकों को पहले तो ट्रेनिंग दी जा रही है, उसके बाद टूल किट भी मुहैया कराई जा रही है। इससे वह अपना सेटअप तैयार कर खुद का उद्योग स्थापित कर रहे हैं।Read Also:-  उत्तर प्रदेश: यमुना में नाव पलटी, 40 लोग डूबे, 3 की हुई मौत, 25 लोग लापता, राखी बांधने जा रही थीं बहनें,
 

 10 श्रेणियों के 700 श्रमिकों को मिल चुका लाभ 
मेरठ में पिछले वर्ष से अब तक ऐसे 700 श्रमिकों को ट्रेनिंग देकर टूल किट उपलब्ध कराई गई है। साथ ही इन सभी का सैटप भी तैयार कराया गया। इन 700 लोगों में 10 श्रेणी के परंपरागत श्रमिकों को चयनित किया गया था। इनमें दर्जी, हलवाई, बढ़ई, लौहार, नाई, टोकरी बुनकर, मोची, राजमिस्त्री, सुनार और कुम्हार शामिल हैं। 

 

श्रमिकों को रोजगार देने के लिए सरकार है तैयार 
जिला उद्योग आयुक्त दीपेंद्र कुमार का कहना है कि अब 375 श्रमिकों को इसी योजना के तहत ट्रेंनिग देकर उनको टूल किट देने की तैयारी की जा रही है, लेकिन इसबार ये योजना दर्जी, हलवाई, नाई और मोची सहित चार श्रमिकों के लिए रहेगी। वहीं इन सभी श्रमिकों को टूल किट के साथ साथ इनका रोजगार बढ़ाने के लिए और कई तरह की मदद सरकार द्वारा की जा रही है। 

 

टूल किट के बाद आर्थिक सहायता भी करती है सरकार 
इन सभी श्रमिकों को टूलकिट तो दी ही जाती है साथ ही अगर इन्हें अपना सेटअप लगाने में आर्थिक तौर पर कोई परेशानी होती है तो उनके लिए तमाम योजनाओं द्वारा ऋण आसानी से उपलब्ध कराया जाता है जिस पर सरकार उनको भारी अनुदान भी दे रही है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने परंपरागत श्रमिकों को होने वाली आर्थिक परेशानी से पूरी तरह निजात दिला दी है इसलिए ये योजना श्रमिकों के लिए संजीवनी का काम कर रही है।