उत्तर प्रदेश : अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो आइये बिजनौर के अमानगढ़ जंगल सफारी और उठायें यहां की रोमांच भरी खूबसूरती का आनंद, ये न्यू जिम कार्बेट के नाम से जाना जाएगा

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में अमानगढ़ जंगल सफारी शुरू होने का पिछले एक दशक से चल रहा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। अमनगढ़ में जंगल सफारी के लिए पर्यटन सीजन की शुरुआत की गई थी।
 
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में अमानगढ़ जंगल सफारी शुरू होने का पिछले एक दशक से चल रहा इंतजार आखिरकार अब खत्म हो गया है। अमनगढ़ में जंगल सफारी के लिए पर्यटन सीजन की शुरुआत की गई थी। इससे पूर्व केहरीपुर चौकी में हवन किया गया। इसके बाद पर्यटकों के लिए आई जिप्सी को जंगल में प्रवेश दिया गया।Read Also:-उत्तर प्रदेश : योगी कैबिनेट में 24 प्रस्ताव पास, पुराने महलों को हेरिटेज होटल में तब्दील करेगी सरकार; मेरठ और गाजियाबाद में निजी यूनिवर्सिटी को मिली मंजूरी

 

मंगलवार को जब प्रदेश के दुधवा, पीलीभीत, कतर्नियाघाट समेत अमनगढ़ में पर्यटन सीजन की शुरुआत हुई तो सैलानियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यह पहली बार है जब अमानगढ़ को पर्यटकों के लिए खोला गया है। इस अवसर पर वन विभाग के वन संरक्षक रमेश चंद्र, डीएफओ डॉ. अनिल पटेल, एसडीओ ज्ञान सहित अन्य सभी अधिकारी कार्यक्रम में शामिल हुए। 

 

बढ़ापुर विधायक ने बिजनौर में अमानगढ़ टाइगर रिजर्व वन परिक्षेत्र का फीता काटकर उद्घाटन किया। बुधवार से पर्यटक टाइगर रिजर्व वन परिक्षेत्र में जंगल सफारी कर सकेंगे। विधायक सुशांत सिंह ने टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन रूम और कैंटीन कम टिकट हाउस का भी उद्घाटन किया।

जंगल सफारी का संचालन करने वाली जिप्सी को झंडी दिखाकर रवाना किया गया। विधायक ने कहा कि इस क्षेत्र को न्यू जिम कार्बेट के नाम से जाना जाएगा। यहां आने वाले पर्यटकों को खुश रहना चाहिए, अच्छा व्यवहार करना चाहिए और सुरक्षित वातावरण देना चाहिए। इसके लिए सभी से सहयोग करने की अपील की। मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि जंगल सफारी शुरू होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा।डीएफओ डॉ. अनिल पटेल ने बताया कि अमानगढ़ प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है।अमानगढ़ को 2012 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था।

 

आप रात को जंगल में सफारी नहीं कर सकते 
अमानगढ़ में जंगल सफारी को केवल दिन के समय ही पर्यटन की अनुमति है। रात में जंगल में रहने पर प्रतिबंध है। वहीं, सूर्यास्त के बाद जंगल में रुककर घूमने वालों पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसके लिए केहरीपुर चौकी पर समय सारिणी भी चस्पा कर दी गई है।

 

पर्यटक दो दो सत्र में ही जंगल सफारी का भ्रमण कर सकेंगे
वन विभाग अमानगढ़ में पर्यटन के साथ वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए सख्त नियम बना रहा है। वन्य जीवों को परेशानी व नुकसान से बचाने के लिए दिन के समय ही पर्यटन निर्धारित किया गया है। समय को दो भागों में बांटा गया है, नवंबर से मार्च तक शीतकालीन और अप्रैल से जून तक ग्रीष्मकालीन।

 
शीतकालीन सत्र में सुबह 6:30 बजे से 10 बजे तक दूसरी पाली में दोपहर 2 बजे से सूर्यास्त तक ही जंगल में घूमने की अनुमति होगी। इसी प्रकार ग्रीष्म सत्र में सुबह 6 बजे से 9.30 बजे तक पर्यटक दोपहर 3 बजे से सूर्यास्त तक जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे।

 

विदेशी पर्यटकों से दोगुना शुल्क लिया जाएगा
अमनगढ़ में पर्यटन शुरू करने के लिए जो रेट लिस्ट लगाई गई है, उसमें विदेशियों से दोगुना प्रवेश शुल्क वसूलने का नियम बनाया गया है। केहरीपुर जंगल ईको डेवलपमेंट कमेटी द्वारा संचालित जिप्सी के लिए पर्यटकों को 2280 रुपये देने होंगे। वहीं, अगर कोई पर्यटक किसी वाहन से प्रवेश करता है तो प्रत्येक से 300 रुपये प्रति वाहन और 100 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क लिया जाएगा। विदेशी नागरिकों के लिए प्रति व्यक्ति 600 रुपये शुल्क लिया जाएगा। गाइड के लिए 400 रुपए देने होंगे।

 

पर्यटन लोगो जारी किया
वन विभाग ने अमनगढ़ में जंगल सफारी के लिए परमिट भी जारी कर दिया है। लोगो में बाघ और हाथी को जगह दी गई है। साथ ही केहरीपुर चौकी पर ही पूरे अमानगढ़ का नक्शा और वहां मौजूद वन व वनस्पति संपदा की जानकारी भी दी गई है। इसका मकसद अमानगढ़ के प्रति पर्यटकों का उत्साह बढ़ाना है।

 

निजी वाहनों को प्रवेश नहीं दिया
अमानगढ़ में जंगल सफारी शुरू हुई तो रजिस्टर्ड जिप्सियों के साथ अधिकारी और नेता वहां पहुंचे। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग निजी वाहनों से भी अंदर जाने का प्रयास कर रहे थे। वन अधिकारियों ने निजी वाहनों को जंगल में प्रवेश नहीं करने दिया। जंगल सफारी केवल पंजीकृत जिप्सी द्वारा की जाती थी।

 

पर्यटकों को नियमों का पालन करना होगा
एसडीओ वन विभाग ज्ञान सिंह ने बताया कि पर्यटकों को इन नियमों की जानकारी हो इसके लिए पूरी जानकारी चस्पा कर दी गई है। अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो कार्रवाई भी की जा सकती है। इसके साथ ही अगर कोई रात में घूमता है या जंगल में रहने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।