UP : अब किसी भी तहसील में हो सकेगी रजिस्ट्री, ज्यादा भीड़ या वेटिंग हो तो जिले के दूसरे रजिस्ट्री कार्यालय में करवा सकेंगे रजिस्ट्री

जमीन खरीदने और बेचने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब आपको रजिस्ट्रेशन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए नया नियम बनाया है। 
 
जमीन खरीदने और बेचने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब आपको रजिस्ट्रेशन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए नया नियम बनाया है। इसमें अब जमीन की रजिस्ट्री जिले के किसी भी रजिस्ट्री कार्यालय में की जा सकेगी। स्टाम्प एवं निबंधन विभाग ने सोमवार से पूरे प्रदेश में इस नियम को लागू करने का आदेश जारी किया है।Read Also:-मेरठ : बिजली विभाग का जेई बन कर दी बिजली का कनेक्शन काटने की धमकी, भेजे गए लिंक पर क्लिक करते ही अकाउंट से उड़े 85 हजार रूपये

 

दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह आदेश स्टांप एवं निबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद जारी किया है। अब तक जिस तहसील के अंतर्गत क्षेत्र आता है, वहां रजिस्ट्री हो सकती थी। लेकिन अब रजिस्ट्री कहीं भी की जा सकती है। ऐसे में अगर एक जगह लंबा इंतजार चल रहा है तो दूसरी जगह पर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। 

 

त्यौहार या उत्सव के दौरान पंजीकरण कराने वालों की संख्या बढ़ जाती है। इसलिए उस समय लंबी लाइन लगती है। लेकिन इस व्यवस्था के बाद समय पहले से मिल जाएगा। इसके अलावा लोग जहां पर कम वेटिंग होगी वहां जा सकेंगे और अपना काम आसानी से कर सकेंगे। दीपावली पर धन तेरस के दिन सर्वाधिक रजिस्ट्री होती है।

 

सब से पहले मंडल मुख्यालयों में लागू होगी ये व्यवस्था
यह नियम सबसे पहले मंडल मुख्यालयों  पर लागू होगा। एक से अधिक रजिस्ट्री कार्यालय हैं। इसमें आगरा, सहारनपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, बरेली, लखनऊ, चित्रकूट, झांसी, अयोध्या, गोरखपुर, कानपुर, गोंडा, मेरठ, बस्ती, मुरादाबाद, आजमगढ़, अलीगढ़ और वाराणसी मंडल शामिल हैं। यहां सफल होने के बाद इसे जिला मुख्यालय पर लागू किया जाएगा।

 

इस प्रक्रिया का पालन करना होगा
रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको www.igrs.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। यहां जानकारी भरने के बाद संबंधित व्यक्ति को रजिस्ट्री के लिए समय मिल जाएगा। इसमें रजिस्ट्री कार्यालय के साथ ही समय और तारीख दोनों के बारे में बताया जाएगा। जिसमें वेटिंग टाइम कम होगा, उसे उस ऑफिस में समय मिलेगा। इसके लिए इस्तेमाल किए गए सॉफ्टवेयर का फाइनल टेस्ट किया जा चुका है। अंतिम दौर में कोई दिक्कत नहीं आने पर प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के सामने पेश किया गया। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया गया है।