छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति व फीस प्रतिपूर्ति के लिए सरकारी धन का अनुचित उपयोग नहीं कर सकेंगे

उत्तर प्रदेश में अब लाभार्थी छात्र छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए सरकारी धन का गलत उपयोग नहीं कर पाएंगे। अब तक यह सरकारी पैसा इन लाभार्थी छात्रों के बैंक खातों में भेजा जा रहा था। 
 
अब लाभार्थी छात्र छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए सरकारी धन का गलत उपयोग नहीं कर पाएंगे। अब तक यह सरकारी पैसा इन लाभार्थी छात्रों के बैंक खातों में भेजा जाता था। कई मामलों में यह शिकायत सामने आती है कि लाभार्थी छात्र ने अपने बैंक खाते में भेजी गई छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि खर्च कर दी थी और शिक्षण संस्थान की फीस भी जमा नहीं की। Read Also:-जरुरी और काम की खबर : टोकनाइजेशन सिस्टम 1 जुलाई से लागू हो जायेगा, इससे ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड को रोकने में मिलेगी मदद

 

ऐसे मामलों को रोकने के लिए व्यवस्था में बदलाव किए जा रहे हैं। इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग के स्कॉलरशिप पोर्टल को अब और अधिक इंटरेक्टिव बनाने के लिए अपग्रेड किया जा रहा है। छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु शासकीय एवं सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के आवेदक छात्र-छात्राओं को रुपे कार्ड जारी किया जाएगा, जिसके माध्यम से केवल संबंधित शिक्षण संस्थान ही अपने बैंक खाते में अंतरित धनराशि अंतरित कर सकेंगे।

 

इसी प्रकार गैर सहायता प्राप्त एवं निजी शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए प्रभावी व्यवस्था की जा रही है ताकि उनके बैंक खातों में भेजी गई छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति का दुरूपयोग न हो। राज्य समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण के निर्देश पर विभाग के संयुक्त निदेशक पीके त्रिपाठी ने इस बार के शैक्षिक सत्र में आवेदन करने वाले तथा पिछले वर्षों में योजना का लाभ पाने वाले छात्र-छात्राओं, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों और अभिभावकों के साथ बात की। इस संवाद में सबसे महत्वपूर्ण जो सुझाव आया वह था विभाग के पोर्टल पर शिकायतों के निवारण में आ रही दिक्कतें।Read Also:-
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इन समस्याओं के समाधान के लिए विभाग के पोर्टल के साफ्टवेयर में सुधार कर कुछ ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिससे आवेदक छात्र-छात्राएं ई-मेल व फोन के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें और उनका निस्तारण समय पर किया जा सके। इसके लिए हेल्पडेस्क भी बनाया जा रहा है।

 

इतना ही नहीं, अगले तीन महीनों के भीतर यह भी तय हो जाएगा कि सामान्य वर्ग के कौन से छात्र छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे और कौन नहीं। समाज कल्याण निदेशक राकेश कुमार ने कहा कि विभागीय मंत्री ने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति वितरण की पूरी व्यवस्था को बेहतर तरीके से डिजिटाइज करने के निर्देश दिए हैं।