बिजनौर : क़स्बा शेरकोट में खो नदी पर बने करीब 80 साल पुराने पुल से अब ओवरलोड वाहन नहीं गुजर सकेंगे

शेरकोट में खो नदी पर बने पुल से ओवरलोड वाहन नहीं चल सकेंगे। पुल करीब 80 साल पुराना है। पुल का टाइम समाप्त हो गया है।
 
उत्तर प्रदेश के बिजनौर के शेरकोट में खो नदी पर बने पुल को अब ओवरलोड वाहन पार नहीं कर सकेंगे। हाईवे 74 के अधिकारियों द्वारा पुल के दोनों किनारों पर ओवरलोड गेज लगाए गए हैं।Read Also:-बिजनौर : कॉलेज के सामने दिनदहाड़े बीबीए के छात्र की गोली मारकर हत्या, बाइक सवार बदमाशों ने घटना को दिया अंजाम

 

बताया कि पुल करीब 80 साल पुराना है। पुल का जीवन समाप्त हो गया है। किसी तरह की कोई दुर्घटना नहीं होनी चाहिए। इसे रोकने के लिए विभाग के अधिकारियों ने यह कदम उठाया है।

 

हाईवे 74 के अधिकारियों का कहना है कि पुल पर वाहनों के आवागमन पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई गई है, क्योंकि पुल पुराना हो गया है। ऐसा पुल से ओवरलोड वाहनों की आवाजाही को रोकने के लिए किया गया है। बताया कि विभाग द्वारा पुल के दोनों ओर ओवरलोड गेज लगाये गये हैं। ताकि कोई चाहकर भी निर्धारित वजन से अधिक वजन लेकर पुल को पार न कर सके।

 

बताया गया कि यह पुल उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण पुलों में से एक है। अब हाईवे से पुल के पास से फोरलेन निकल गया है। ऐसे में ओवरलोड वाहनों को इस पुल से आने की बजाय फोर लेन हाईवे से होकर गंतव्य तक जाना होगा.

 

शहर के अचल चैहान, कामेश्वर राजपूत, पंडित शरदचंद्र शर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 74 पर खो नदी बैराज पर बना यह पुल ब्रिटिश शासन के दौरान बना था। जिसका विधिवत उद्घाटन 18 मार्च, 1942 को संयुक्त प्रांत (United Provinces) के निवर्तमान गवर्नर द्वारा किया गया था।

 

पुल के उद्घाटन के मौके पर राज्यपाल की पत्नी और शेरकोट रियासत की रानी फूल कुंवारी साहिबा भी मौजूद रही थीं। करीब 80 साल पुराने इस पुल की जर्जर स्थिति व समय समाप्ति को देखते हुए ओवरलोड वाहनों के चलते बुधवार को अधिकारियों ने इस पर रोक लगा दी है। ऐसे में अब पीएनसी को हाईवे पर नवनिर्मित पुल के जरिए गंतव्य को छोड़ना होगा।