उत्तर प्रदेश में बंद होंगे 13 हजार अवैध मदरसे! एसआईटी (SIT) ने बताया टेरर फंडिंग कनेक्शन
उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर एसआईटी (SIT) ने प्रदेश में अवैध मदरसों को लेकर जांच पूरी कर ली है। एसआईटी (SIT) ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इसमें करीब 13 हजार मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है। जांच में जो मदरसे अवैध पाए गए हैं उनमें से ज्यादातर नेपाल सीमा पर स्थित हैं।
Mar 7, 2024, 14:22 IST
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा राज्य में मदरसों की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें करीब 13,000 मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है। एसआईटी (SIT) की इस सिफारिश पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा, 'मदरसा धार्मिक शिक्षा का केंद्र है। ये संस्थाएं संविधान में दी गई अनुमति के अनुसार चलती हैं। (506) मदरसों के अलावा हजारों अन्य मदरसे मुस्लिम समुदाय के आपसी दान से चलते हैं, सरकार उनके संचालन और शिक्षा में मदद नहीं करती, इसलिए मदरसों को बंद करने का आदेश देना उचित नहीं है।READ ALSO:-RBI का बड़ा ऐलान, इनमें से 85% यूजर्स 15 मार्च के बाद भी Paytm वॉलेट का इस्तेमाल कर सकेंगे
मौलाना ने कहा, 'भारत की सीमा से लगे नेपाल के विभिन्न जिलों में स्थापित मदरसे कोई नई बात नहीं है। बल्कि ये तीस से चालीस साल पुराने हैं, जब ये मदरसे बन रहे थे और काफी समय से चल रहे थे तो उस वक्त सरकार ने इन्हें रोका क्यों नहीं? इन तेरह हजार में से पांच हजार मदरसे हैं जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने मान्यता दी है। मान्यता की प्रक्रिया अपनाते समय संबंधित अधिकारी कागजातों की जांच करते हैं। फिर मौके का निरीक्षण करते हैं। इस लंबी प्रक्रिया के बाद यह माना गया कि अगर सरकार की नजर में ये मदरसे गलत हैं तो मान्यता देने वाले अधिकारी भी गलत हैं।
मौलाना ने कहा कि जहां तक टेरर फंडिंग की बात है तो यह निश्चित रूप से चिंताजनक है. इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। नेपाल सीमा पर स्थित मदरसे जिनके बारे में कहा जाता है कि वे टेरर फंडिंग में शामिल हैं, अगर सरकारी अधिकारियों के पास पुख्ता सबूत हैं तो निश्चित रूप से ऐसे मदरसों को बंद कर देना चाहिए और जिन पर धन का दुरुपयोग करने और देश को बर्बाद करने का आरोप है। यदि विरोध का प्रस्ताव मिलता है तो उन लोगों पर कार्रवाई की जाये।
मौलाना ने मदरसों के संचालकों व प्रबंधकों को सलाह देते हुए कहा कि वे अपने मदरसों के सभी कागजात दुरुस्त रखें, पैसे का लेन-देन बैंक खाते व चेक के माध्यम से करें, दान लेने की रसीद का रजिस्टर रखें, वार्षिक आयकर जमा करें, वार्षिक आय जमा करें। और खर्च का विवरण भी प्रिंट करें और अल्पसंख्यक विभाग या बेसिक शिक्षा विभाग से भी संपर्क बनाए रखें ताकि लोग आपत्ति न कर सकें। यदि किसी भी विभाग का कोई अधिकारी मदरसे में आता है तो उसका स्वागत करें और यदि वह जांच के लिए कागजात मांगता है तो उससे संकोच न करें बल्कि उसका सहयोग करें।