UP: रहस्यमयी वायरल का कहर, 40 बच्चों समेत 68 लोगों की मौत... जानें लक्षण और सावधानियां
रहस्यमयी वायरल में एक बार बुखार आने के बाद यह बढ़ता ही जा रहा है और 102 डिग्री से ऊपर चढ़ रहा है। सामान्य वायरल 5 दिनों में उतर जाता है, लेकिन यह वायरल 10 दिनों तक कम नहीं हो रहा है।
Aug 30, 2021, 14:03 IST
कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओ के बीच वेस्ट यूपी में अब रहस्यमयी वायरल के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस रहस्यमयी वायरल की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महज एक सप्ताह में ही वेस्ट यूपी के कई जिलों में 40 बच्चों समेत 68 लोगों की जान चली गई। इस बीमारी से सबसे ज्यादा यूपी का फिरोजाबाद सबसे ज्यादा प्रभावित है, यहां महज 24 घंटे के भीतर ही रहस्यमयी बुखार ने 12 बच्चों की जान ले ली, जबकि 135 में से 72 बच्चे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। इसके अलावा मेरठ, आगरा, मथुरा में भी कई मरीज सामने आ चुके हैं। Read Also : 'यौन उत्पीड़न की मंशा के बगैर बच्ची का गाल छूना सेक्सुअल असॉल्ट नहीं' : बॉम्बे हाईकोर्ट
102 से ऊपर आ रहा बुखार
डॉक्टर इसे रहस्यमयी इसीलिए मान रहे हैं कि यह सामान्य वायरल से अलग है। इस रहस्यमयी वायरल से पीड़ित मरीजों को तेज बुखार आ रहा है। एक बार बुखार आने के बाद यह बढ़ता ही जा रहा है और 102 डिग्री से ऊपर चढ़ रहा है। सामान्य वायरल 5 दिनों में उतर जाता है, लेकिन यह वायरल 10 दिनों तक कम नहीं हो रहा है। 10 से 12 दिन के बाद फीवर कम होना शुरू हो रहा है। रिकवरी का समय ज्यादा लगने के कारण अस्पतालों में उन्हें ज्यादा दिन भर्ती रखना पड़ रहा है और इसीलिए अस्पतालों में बेड फुल हैं। Read Also : शादी के वादे पर किया गया सेक्स दुष्कर्म है, इलाहबाद हाईकोर्ट ने कहा- महिलाएं भोग विलास की वस्तु नहीं, इस पर कानून बनाएं
डॉक्टर इसे रहस्यमयी इसीलिए मान रहे हैं कि यह सामान्य वायरल से अलग है। इस रहस्यमयी वायरल से पीड़ित मरीजों को तेज बुखार आ रहा है। एक बार बुखार आने के बाद यह बढ़ता ही जा रहा है और 102 डिग्री से ऊपर चढ़ रहा है। सामान्य वायरल 5 दिनों में उतर जाता है, लेकिन यह वायरल 10 दिनों तक कम नहीं हो रहा है। 10 से 12 दिन के बाद फीवर कम होना शुरू हो रहा है। रिकवरी का समय ज्यादा लगने के कारण अस्पतालों में उन्हें ज्यादा दिन भर्ती रखना पड़ रहा है और इसीलिए अस्पतालों में बेड फुल हैं। Read Also : शादी के वादे पर किया गया सेक्स दुष्कर्म है, इलाहबाद हाईकोर्ट ने कहा- महिलाएं भोग विलास की वस्तु नहीं, इस पर कानून बनाएं
इस वायरल में लोगों की डीहाइड्रेशन से भी मौत हो रही है। मरीजों का गला सूखता है। डॉक्टरों के मुताबिक तेज बुखार के कारण ही डीहाइड्रेशन हो रहा है। अधिकांश मरने वालों में बच्चे हैं। उनके शरीर में पानी की कमी हो रही है। इसके अलावा प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं। इलाज के दौरान प्लेटलेट्स नहीं बढ़ पा रहे और मरीज दम तोड़ रहे हैं। कई मामलों में तो प्लेटलेट्स चढ़ाए गए लेकिन फिर भी शरीर में नहीं बढ़े। Read Also : कोरोना : केंद्र ने राज्यों से कहा- खतरा अभी टला नहीं, स्थानीय स्तर पर बढ़ाएं सख्ती, जरूरत हाे तो पाबंदी लगाएं
डेंगू जैसे लक्षण
फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में स्थिति विकट है जहां 135 में से 72 बच्चे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि उनमें से 50 फीसदी से अधिक में डेंगू के लक्षण हैं। अन्य मामलों में भी यही देखा गया। इस वायरल के लक्षण डेंगू जैसे हैं। ग्रामीण इलाकों में स्थिति बुरी तरह प्रभावित होने के कारण कई मरीजों को आगरा और अन्य शहरों में ट्रांसफर किया जा रहा है।
हो रहा अध्ययन
फिरोजाबाद के विधायक मनीष असिजा ने कहा कि जिलों की स्थिति चिंताजनक है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नीता कुलश्रेष्ठ ने कहा कि बारह बच्चे पिछले 24 घंटों में वायरल बुखार से मर गए हैं। इस वायरल और मरनेवाले लोगों के सटीक कारणों का अध्ययन किया जा रहा है।
फिरोजाबाद के विधायक मनीष असिजा ने कहा कि जिलों की स्थिति चिंताजनक है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नीता कुलश्रेष्ठ ने कहा कि बारह बच्चे पिछले 24 घंटों में वायरल बुखार से मर गए हैं। इस वायरल और मरनेवाले लोगों के सटीक कारणों का अध्ययन किया जा रहा है।
किसी में भी नहीं मिला कोविड पॉजिटिव
सीएमओ ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में सभी मरीजों का कोविड-19 के लिए परीक्षण किया जाता है और अब तक वायरल संक्रमण के किसी भी मामले में कोविड पॉजिटिव नहीं आया है। सीएमएस ने कहा, 'वायरल बुखार के मरीजों को कोविड -19 वार्डों में भर्ती कराया जा रहा है। डॉक्टर और पैरामेडिक्स अलर्ट पर हैं। बुखार की तीव्रता चिंताजनक है। बच्चों को ठीक होने में दो सप्ताह का समय लग रहा है।
सीएमओ ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में सभी मरीजों का कोविड-19 के लिए परीक्षण किया जाता है और अब तक वायरल संक्रमण के किसी भी मामले में कोविड पॉजिटिव नहीं आया है। सीएमएस ने कहा, 'वायरल बुखार के मरीजों को कोविड -19 वार्डों में भर्ती कराया जा रहा है। डॉक्टर और पैरामेडिक्स अलर्ट पर हैं। बुखार की तीव्रता चिंताजनक है। बच्चों को ठीक होने में दो सप्ताह का समय लग रहा है।
बरतें सावधानियां
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घर और आसपास सफाई रखें, पानी एकत्र न होने दें।
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ताजा और सादा खाना ही खाएं, ज्यादा तले-भुने से परहेज करें।
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साफ या उबला पानी खूब पिएं, दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं
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फीवर होने पर नापते रहें और चार्ट बनाएं।
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बुखार होने पर प्लेन पैरासीटामॉल लें और डॉक्टर को जरूर दिखाएं
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बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दर्द की या अन्य दवा न लें
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भरपूर नींद लें, वॉक और योगा करें
मेरठ में लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या
मेरठ के सरकारी जिला अस्पताल में 80 से 90 लोगों की ओपीडी रोज की जा रही। है इनके अलावा मेरठ मेडिकल कॉलेज में सोमवार से शनिवार तक 110 मरीज हर रोज आ रहे हैं। जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में 70 से 80 मरीज ऐसे हैं जिन्हें बुखार की समस्या है। CMO मेरठ डॉ अखिलेश मोहन का कहना है कि अभी डेंगू बुखार के मरीज नहीं हैं, मलेरिया बुखार के मरीज भी 2 से 3 प्रतिशत हैं। पूरे जिले में सरकारी अस्पताल व निजी अस्पताल में 200 मरीज बुखार के मिल रहे हैं। अब निजी अस्पतालों में बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इस मौसम में मच्छरों से बचाव की विशेष जरूरत है। OPD में मरीज साधारण बुखार के मिल रहे हैं।