इस रक्षाबंधन अपने भाई की कलाई पर बांधें 'खादी की राखी', जमीन में रोपने से उगेंगे पौधे, KVIC ने किया लॉन्च
मनोज कुमार ने बताया कि दिल्ली के खादी भवन में दर्जनों खादी रक्षासूत्र बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में तैयार खादी रक्षासूत्र 20 रुपये से लेकर 250 रुपये तक की रेंज में उपलब्ध है।
Updated: Aug 24, 2023, 00:11 IST
रक्षा बंधन से पहले, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने बुधवार को दिल्ली के कनॉट प्लेस में प्रमुख खादी भवन में खादी रक्षासूट का अनावरण किया। यह यहां खादी भवन में 20 रुपये से लेकर 250 रुपये तक की कीमत पर उपलब्ध है। KVIC के चेयरमैन मनोज कुमार ने कहा कि यह पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसमें किसी भी रसायन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। READ ALSO:-चांद पर अपनी मंजिल पर पहुंचा चंद्रयान, साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन रचा इतिहास....
उन्होंने बताया कि राखी को उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर के ग्रामोद्योग विकास संस्थान ने गाय के गोबर का उपयोग करके डिजाइन किया है। इसके अलावा इसमें तुलसी, टमाटर और बैंगन के बीज का भी इस्तेमाल किया गया है। मनोज कुमार ने बताया कि मिट्टी में दबने पर इन राखियों से तुलसी, टमाटर और बैंगन के पौधे उग सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगले साल देशभर में खादी रक्षासूत्र लाने की व्यापक तैयारी चल रही है।READ ALSO:-अब साल में दो बार होंगी 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं, 11वीं और 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स को पढ़नी होंगी दो भाषाएं, नया नियम 2024 से लागू होगा
मनोज कुमार ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से यह काम सफल हो सका है। 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत मंडपम में देशवासियों से अपील की कि वे आने वाले त्योहारों में खादी और ग्रामोद्योग के उत्पाद ज्यादा से ज्यादा खरीदें ताकि ग्रामीण भारत में काम करने वाले हमारे कारीगरों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके।
कीमत 20 से 250 रुपए तक है
आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि खादी रक्षासूत्र की खासियत यह है कि इसे ग्रामीण भारत की कतीन (spinning yarn on spinning wheel) बहनों ने चरखे पर काते धागों से तैयार किया है। ये पूरी तरह से प्राकृतिक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के खादी भवन में ऐसे दर्जनों खादी रक्षासूत्र बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। देश के विभिन्न राज्यों में तैयार खादी रक्षासूत्र दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन में 20 रुपये से 250 रुपये की रेंज में उपलब्ध है।
आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि खादी रक्षासूत्र की खासियत यह है कि इसे ग्रामीण भारत की कतीन (spinning yarn on spinning wheel) बहनों ने चरखे पर काते धागों से तैयार किया है। ये पूरी तरह से प्राकृतिक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के खादी भवन में ऐसे दर्जनों खादी रक्षासूत्र बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। देश के विभिन्न राज्यों में तैयार खादी रक्षासूत्र दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन में 20 रुपये से 250 रुपये की रेंज में उपलब्ध है।
देशभर में खादी रक्षासूत्र लॉन्च करने की तैयारी
मनोज कुमार ने बताया कि इस बार पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन में खादी रक्षासूत्र की बिक्री की जा रही है। अगले साल देशभर में खादी रक्षासूत्र लॉन्च करने की तैयारी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे भारत की विरासत खादी राखी को अपनाकर न केवल भारत की समृद्ध विरासत को संरक्षित करें, बल्कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी योगदान दें।
मनोज कुमार ने बताया कि इस बार पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन में खादी रक्षासूत्र की बिक्री की जा रही है। अगले साल देशभर में खादी रक्षासूत्र लॉन्च करने की तैयारी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे भारत की विरासत खादी राखी को अपनाकर न केवल भारत की समृद्ध विरासत को संरक्षित करें, बल्कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी योगदान दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में कारोबार बढ़ा
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का 9 साल का कार्यकाल खादी का स्वर्णिम काल है। पिछले वित्त वर्ष में खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। साथ ही इस वित्तीय वर्ष में खादी ने 9.5 लाख से ज्यादा नई नौकरियां पैदा कर इतिहास रच दिया है। 2014 के बाद तो जैसे खादी को संजीवनी मिल गई। ग्रामीण कारीगरों के हुनर को अब न सिर्फ सम्मान मिल रहा है बल्कि उन्हें अपने काम का उचित दाम भी मिल रहा है। इसी कड़ी में KVIC ने बाजार में खादी रक्षासूत्र लॉन्च किया है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का 9 साल का कार्यकाल खादी का स्वर्णिम काल है। पिछले वित्त वर्ष में खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। साथ ही इस वित्तीय वर्ष में खादी ने 9.5 लाख से ज्यादा नई नौकरियां पैदा कर इतिहास रच दिया है। 2014 के बाद तो जैसे खादी को संजीवनी मिल गई। ग्रामीण कारीगरों के हुनर को अब न सिर्फ सम्मान मिल रहा है बल्कि उन्हें अपने काम का उचित दाम भी मिल रहा है। इसी कड़ी में KVIC ने बाजार में खादी रक्षासूत्र लॉन्च किया है।