ओमिक्रॉन पर करेगी अटैक नई दवा, दो टीकों से अलग होगी बूस्टर खुराक!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार की रात घोषणा की थी के गंभीर बीमारियों से जूझ रहे स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वैक्सीन की 'प्रिकॉशनरी डोज' लगाई जाएगी। 
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार देर रात घोषणा की थी  कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वैक्सीन की 'प्रिकॉशनरी डोज' पिलाई जाएगी। अब खबर है कि यह 'प्रिकॉशनरी डोज' वैक्सीन से अलग हो सकती है, जिसका लाभ लाभार्थी पहले ही ले चुका है। दरअसल, कोविड टीकाकरण पर देश के शीर्ष तकनीकी सलाहकार समूह में यह सहमति है कि  प्रिकॉशनरी डोज  उस टीके से अलग होनी चाहिए, जो दोनों डोज पहले ली जा चुकी हैं।Read Also:-PM Modi ने कहा- 15 से 18 वर्ष तक उम्र के लिए 3 जनवरी से वैक्सीनेशन, फ्रंट लाइन वर्करों, 60 वर्ष से अधिक की उम्र के लोगों को बूस्टर डोज इस डेट से लगेगी

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक वैक्सीन की तीसरी डोज को बूस्टर की जगह ' प्रिकॉशनरी डोज' कहे जाने का एक कारण यह भी है कि सभी विकल्प खुले रहते हैं और तीसरी डोज किसी और वैक्सीन के लिए भी दी जा सकती है। खबरों के मुताबिक, इस बात की प्रबल संभावना है कि  प्रिकॉशनरी डोज उस वैक्सीन से अलग हो सकती है जिसकी दो खुराक पहले ली जा चुकी हैं। भारत के पास अगले कुछ महीनों में वैक्सीन के कई विकल्प होंगे। दौड़ में सबसे आगे CORBAVAX है, जो हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई द्वारा बनाई गई एक प्रोटीन उप-इकाई कोविड -19 वैक्सीन है। केंद्र सरकार पहले ही कॉर्बावैक्स की 30 करोड़ खुराक आरक्षित करने के लिए 1500 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है। सूत्रों की मानें तो अगले दो हफ्तों के भीतर कॉर्बावैक्स को आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल सकती है।

इसके अलावा,  प्रिकॉशनरी डोज की खुराक के लिए जिस टीके को मंजूरी दी जा सकती है, उसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया गया कोवावैक्स भी शामिल है। यह एक नैनोपार्टिकल प्रोटीन आधारित कोरोना वैक्सीन है। अमेरिका स्थित नोवावैक्स और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को फिलीपींस ने आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है।

सरकार तीसरी खुराक के लिए भारत बायोटेक के इंट्रानैसल वैक्सीन को भी मंजूरी दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक यह वैक्सीन जनवरी के दूसरे पखवाड़े में आ सकती है। इसके अलावा भारत के पहले एम-आरएनए वैक्सीन का इस्तेमाल प्री-डोज के लिए भी किया जा सकता है। वैक्सीन को पुणे स्थित जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स द्वारा विकसित किया गया है।

दुनिया भर के विशेषज्ञ बूस्टर खुराक के लिए mRNA वैक्सीन के उपयोग का सुझाव दे रहे हैं। ब्रिटेन की विशेषज्ञ संस्था ने सितंबर में अलग-अलग कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज पर प्रतिक्रिया का अध्ययन करने के बाद फाइजर के एमआरएनए वैक्सीन की तीसरी या बूस्टर खुराक का भी सुझाव दिया।

टीकाकरण कब शुरू होगा?
पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि 3 जनवरी से देश में 15 से 18 साल के करीब 8 करोड़ बच्चों को कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी। इसके अलावा 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों समेत लगभग 3 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स को ऐहतियाती डोज दिया जाएगा। वहीं, 60 साल से अधिक उम्र के लोग मृत्यु दर यानी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें भी डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की एहतियाती खुराक का विकल्प दिया जाएगा। इसकी शुरुआत भी 10 जनवरी से ही हो जाएगी।