महबूबा के दिल में तालिबान, मोदी सरकार से कहा - अफगानिस्तान में देखो...मत लो हमारे सब्र का इम्तेहान, मिट जाओगे

महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को एक कार्यक्रम में तालिबान से तुलना करते हुए कहा, 'जिस वक्त यह बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा, तब आप नहीं रहोगे, मिट जाओगे।

 

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। मुफ्ती ने शनिवार को तालिबान के बहाने केंद्र पर निशाना साधा। मुफ्ती ने कहा, तालिबान ने अमेरिका को भागने पर मजबूर किया। हमारे सब्र का इम्तेहान मत लो। उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि आजादी के समय बीजेपी होती तो आज कश्मीर भारत में नहीं होता।



महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को एक कार्यक्रम में तालिबान से तुलना करते हुए कहा, 'जिस वक्त यह बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा, तब आप नहीं रहोगे, मिट जाओगे। पड़ोस (अफगानिस्तान) में देखो क्या हो रहा है। उनको भी वहां से बोरिया-बिस्तर लेकर वापस जाना पड़ा। आप के लिए मौका है अभी भी, जिस तरह वाजपेयी जी ने बातचीत शुरू की थी कश्मीर में, बाहर भी (पाकिस्तान के साथ) और यहां भी, उसी तरह आप भी बातचीत का सिलसिला शुरू करो।'

'अगर 1947 में बीजेपी सत्ता में होती, तो कश्मीर भारत में नहीं होता'
पीडीपी चीफ ने कहा, 1947 में तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू ने जम्मू कश्मीर के नेतृत्व से वादा किया था कि लोगों की पहचान की हर तरह से रक्षा की जाएगी और विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, अगर आजादी के वक्त भाजपा सरकार में होती, तो जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होता।

'सांप्रदायिक और धार्मिक आधार पर टुकड़ों में बंटने के लिए तैयार है भारत'
पीडीपी प्रमुख ने चेतावनी दी कि अगर बीजेपी ने बेहतर समझ नहीं दिखाई तो भारत सांप्रदायिक और धार्मिक आधार पर टुकड़ों में बंटने के लिए तैयार है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कश्मीर में उठने वाली आवाज को दबाने के लिए अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।