दीपावली से पहले पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश, SC ने नहीं दी राहत, कही ये बात

 सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दिवाली के मौके पर राजधानी दिल्ली में सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा। चाहे वह ग्रीन हो या सामान्य। दो जजों की बेंच ने कहा कि सिर्फ पटाखे जलाने वालों पर कार्रवाई से कुछ हासिल नहीं होगा। हमें इसकी तह तक जाना होगा।  सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पुलिस सभी विनिर्माण केंद्रों का दौरा करेगी और सुनिश्चित करेगी कि पटाखों का निर्माण नहीं किया जा रहा है। 
 
दिवाली से पहले देशभर में पटाखों के इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया कि पटाखों में बेरियम को केमिकल के तौर पर इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। पटाखा निर्माता कंपनियों ने कोर्ट से इसकी मांग की थी। इसके साथ ही कोर्ट ने पटाखा निर्माता कंपनियों की उस मांग को भी खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने संयुक्त पटाखे बनाने और इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी थी। विशेषज्ञ निकाय की राय के आधार पर, सरकार ने हरित पटाखों के निर्माण और बिक्री को सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र को मंजूरी के लिए अदालत के समक्ष रखा था। CSIR और NEERI जैसे संगठनों ने कहा था कि पटाखों में बेरियम क्लोराइड की अनुमति दी जा सकती है। READ ALSO:-MotoGP भारत लाइव : रेसिंग इवेंट आज से शुरू, अब 3 दिन में होगी 20 रेस, यहां देख सकते हैं लाइव

 

आज के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध पर कुछ नहीं कहा।  इसका मतलब यह है कि दिल्ली सरकार द्वारा सभी प्रकार के पटाखों पर लगाया गया पूर्ण प्रतिबंध जारी रहेगा, यानी दिल्ली में ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जिन राज्यों में सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है, वहां कोर्ट कोई दखल नहीं देगा। 

 

BJP नेता मनोज तिवारी ने दिल्ली समेत कई राज्यों में पटाखों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध को चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है।  सुप्रीम कोर्ट द्वारा केवल हानिकारक विस्फोटक वाले पटाखों पर ही प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद दिल्ली समेत कई राज्यों में पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है।  लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ कर दिया था कि अगर किसी सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाया है तो हम उसमें दखल नहीं देंगे। अगर किसी राज्य सरकार को लगता है कि पटाखों से दिक्कत हो रही है और वह पूर्ण प्रतिबंध लगाती है तो वह ऐसा कर सकती है। अगर आप पटाखे छोड़ना चाहते हैं तो ऐसे राज्य में जा सकते हैं जहां पटाखों पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

 

जिन राज्यों में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं है, वहां ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इनमें भी कुछ खास श्रेणियों के पटाखों की इजाजत नहीं होगी।  दरअसल, इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का पुराना आदेश बरकरार रहेगा। साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसने सिर्फ बेरियम जैसे केमिकल वाले पटाखों पर ही बैन लगाया है। इसके द्वारा पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और 2018 के अपने पुराने आदेश के अनुसार, ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति है।