एमपी के कॉलेजों में छात्र पढ़ेंगे रामायण और वेद, पाठ्यक्रम में किया गया बदलाव

भोपाल मध्य के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का कहना है कि यदि कोर्स में रामचरित मानस पढ़ाया जा रहा है तो फिर कुरान के पाठ भी पढ़ाए जाएं।
 
मध्यप्रदेश सरकार ने दर्शन शास्त्र के पहले साल के पाठ्यक्रम बदलाव किया है। शिक्षा विभाग के मुताबिक अब छात्र रामचरित मानस को भी पढ़ेंगे। इतना ही नहीं, इसका पेपर भी होगा। सेलेबस में रामचरित मानस, वेद उपनिषद और पुराण के उल्लेख के साथ ही रामायण और रामचरितमानस में अंतर भी बताया जाएगा। भगवान श्री राम की पित्र भक्ति और उनके बाकी गुणों का भी इस पूरे पाठ्यक्रम में विस्तार से पाठ कराया जाएगा। एमपी सरकार ने इसके बारे में जानकारी दी है। 

 

विराेध में आए कांग्रेस विधायक

 

प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव कहते हैं कि हमारे गौरवशाली अतीत का ज्ञान छात्रों को हो इसलिए ये कोर्स तैयार किया गया है। इसमें किसी को क्या आपत्ति होना चाहिए मगर कांग्रेस के कुछ विधायकों ने इस पर ऐतराज जताया है। भोपाल मध्य के विधायक आरिफ मसूद ने मांग की है कि यदि कोर्स में रामचरित मानस पढ़ाया जा रहा है तो फिर कुरान के पाठ भी पढ़ाए जाएं। ऐसा लगता है आने वाले दिनों में ये मसला बड़ा बनेगा और शिवराज सरकार को चर्चा में लाएगा। सरकार के ऐलान के बाद यह पहली प्रतिक्रिया है। अब देखना है कि इस को लेकर दूसरी पार्टियां कहां तक सहमत होती हैं। read also : विज्ञान मंथन परीक्षा में पास छात्रों को DRDO, ISRO में मिलेगा प्रशिक्षण, 2 हजार रुपये प्रतिमाह स्कॉलरशिप, डिटेल देखें।

 

एमपी के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा, 'जो कोई भी छात्र भगवान राम के चरित्र और उनके कामों के बारे में जानना चाहता है, वह पाठ्यक्रमों के जरिए पढ़ सकता है। हम गजल के रूप में उर्दू भी पढ़ाने जा रहे हैं। ये एक स्वैच्छिक विषय रहेगा। छात्र अपनी मर्जी के अनुसार पढ़ सकते हैं। इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।'