PM की सुरक्षा में चूक : सूत्रों का दावा- मुख्य सचिव और डीजीपी इरादतन नहीं आए, सुरक्षाकर्मी चाय पी रहे थे
पंजाब में प्रधानमंत्री के काफीले के रुकने का मामला गरमाता जा रहा है। एक चैनल ने अपने सूत्रो के हवाले से यह बात कही है।
Jan 6, 2022, 09:23 IST
PM security breach: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra modi) की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों पर सवाल खड़े हो रहें हैं। इतना ही नहीं पंजाब के मुख्य सचिव, डीजीपी (DGP) पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं। एक चैनल का दावा है कि उसने सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पी रहे थे।
जानबूझकर नहीं आए डीजीपी और मुख्य सचिव ?
देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के अलग प्रॉटोकॉल होते हैं। जिस राज्य में पीएम जाते हैं अमूमन वहां के मुख्य सचिव और डीजीपी को रिसीव करना होता है वहीं, साथ भी चलना होता है। परंतु पंजाब में ये अधिकारी लापता थे। चैनल के सूत्रों का दावा है कि पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी (Punjab DGP) जानबूझकर नहीं आए। also read : सूरज में कैमिकल फैक्ट्री में गैस लीक, 6 लोगों की मौत, 20 अस्पताल में भर्ती
प्रधानमंत्री का रूट इस तरह तय किया जाता है
जानकारी के देश में दो प्रधानमंत्रियों की हत्या के बाद से देश में पीएम पद की सुरक्षा के लिए एसपीजी का गठन 1988 में किया गया था। जिसके बाद से प्रधानमंत्री की सुरक्षा एसपीजी (SPG) के हाथों में रहती है। अब बात की जाए पीएम के रूट की तो यह एसपीजी, केंद्रीय खुफिया एजेंसियां और राज्य की स्थानीय पुलिस-प्रशासन मिलकर करते हैं। इस कलेक्टिव डिसीजन पर निर्णय एसपीजी लेती है। रूट की सुरक्षा स्थानीय पुलिस पर होती है।
सवाल यह भी
पंजाब सीएम चन्नी (cm channi) का कहना है कि प्रदर्शकारी कई दिनों से रास्तों पर जमा थे। अगर ऐसा था तो स्थानीय पुलिस ने रूट के क्लियरेंस की बात क्यों कही। जाते समय भी क्यों कहा गया है कि रास्ता साफ है। अगर पंजाब सरकार को पता था कि रूट पर प्रदर्शकारी हैं तो किसी दूसरे रूट का प्रयोग क्यों नहीं किया गया।
चन्नी का पंजाबियत स्टंट
इस पूरे मामले पर घिरी पंजाब सरकार अब तरह-तरह के बयान दे रही है। पंजाब सरकार का कहना है कि पूरी सुरक्षा का जिम्मा एसपीजी और आईबी के पास होता है। सीएम चन्नी ने अब नया पंजाबियत स्टंट चला है। चन्नी के मुताबिक मैं किसानों पर लाठाचार्ज नहीं करवा सकता था। सीएम चन्नी ने कहा कि मैं एक बात कहना चाहता हूं कि किसी भी नुकसान से पहले मैंने अपना खून बहा दिया होता, यह पंजाबियों की भावना है।" उन्होंने कहा कि कोई पंजाबी व्यक्ति राज्य में आने वाले अतिथि पर हमला करने के बजाय मरना पसंद करेगा।
यह पूछे जाने पर कि यदि प्रधानमंत्री को सड़क या अन्य मार्ग से यात्रा करनी हो तो क्या इसे सुरक्षित करने की जिम्मेदारी राज्य की एजेंसियों की है, चन्नी ने कहा कि मुख्य नियंत्रण एसपीजी और आईबी का था। उन्होंने कहा कि इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय सीधे तौर पर शामिल था और पंजाब सरकार की भूमिका नहीं थी।