चंडीगढ़ मेयर चुनाव में AAP उम्मीदवार के पक्ष में फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर को धांधली का दोषी माना, केजरीवाल बोले-ये INDIA गठबंधन की जीत  

रविवार रात तक राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर मेयर बनाने में कामयाब होगी। मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया था ताकि दोबारा चुनाव कराया जा सके। चुनाव में बहुमत साबित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने रविवार देर रात आप के तीन पार्षदों को तोड़कर उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पुरे खेल का रुख ही बदल दिया।
 
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के कुलदीप कुमार को पिछले महीने हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव का वैध विजेता घोषित किया। इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह द्वारा आप नेता के पक्ष में दिए गए आठ वोटों को जानबूझकर अमान्य और खारिज किए जाने से कई हफ्तों तक चला विवाद खत्म हो गया। मसीह पर अदालत की अवमानना की कार्रवाई भी होगी। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया है। READ ALSO:-चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, मेयर चुनाव में दोबारा होगी वोटों की गिनती, SC ने कहा-8 वोट माने जाएंगे वैध,

 

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने भाजपा अल्पसंख्यक सेल के पूर्व सदस्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई और बार-बार मुकदमा चलाने की चेतावनी दी थी। कोर्ट ने अपनी जांच में पाया कि चुनाव अधिकारी ने कोर्ट से झूठ बोला था। 

 


सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ''हमने वीडियो फुटेज देखा है, जिसमें दिख रहा है कि चुनाव अधिकारी ने 8 मतपत्रों पर निशान लगाए थे जो कुलदीप कुमार के पक्ष में थे।'' अदालत ने कहा, "19 फरवरी को सुनवाई में अधिकारी ने स्वीकार किया कि अपने हस्ताक्षर के अलावा, उन्होंने आठ मतपत्रों पर अलग-अलग निशान भी बनाए थे, जिनके बारे में उनका मानना था कि वे दोषपूर्ण थे।"

 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''रिटर्निंग ऑफिसर ने अपने अधिकार से परे जाकर काम किया। कल सवाल पूछने से पहले, हमने अनिल मसीह को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने आदेश में कहा, ''सभी 8 वोट याचिकाकर्ता उम्मीदवार (कुलदीप कुमार) को मिले। वोट अवैध नहीं थे, लेकिन अधिकारी का व्यवहार कानून के खिलाफ था. इसलिए, हमने मेयर चुनाव के पुराने नतीजे को रद्द कर दिया, जो कानून के मुताबिक नहीं था।'

 

सीजेआई ने कहा कि मेयर ने अपना इस्तीफा दे दिया है और इसे रिकॉर्ड पर भी रख रहे हैं। उन्होंने कहा, ''याचिकाकर्ता ने पहले पुनर्मतदान की मांग की थी, लेकिन हमारा मानना है कि पूरी चुनाव प्रक्रिया रद्द करना गलत होगा। जो 8 वोट रद्द किए गए, उन्हें सही माना जाएगा। कुल 12 वोट जो पहले सही थे, उन्हें मिला कर कुल 20 वोट होते है।” इसके बाद शीर्ष अदालत ने आप के उम्मीदवार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित कर दिया। 

 

 

अरविन्द केजरीवाल ने कहा- BJP वालों की किस्मत खराब थी
इस चुनाव में कुल 36 वोट पड़े। इनकी गिनती में भारतीय जनता पार्टी वालों ने 8 वोट चुरा लिए थे। कुछ दिनों बाद देश में बड़ा चुनाव होने वाला है। इसमें 90 करोड़ वोट हैं। ऐसे में ये नहीं पता कि वे 90 करोड़ वोटों में से कितने वोट चुरा लेंगे।  भाजपाइयों की किस्मत खराब थी कि चुनाव के समय चंडीगढ़ में सीसीटीवी लगे हुए थे।

 
BJP को इतना विश्वास कहां से मिल रहा है? अरविन्द केजरीवाल ने पूछा
अब पूरे देश को सोचना होगा कि अगर लोकतंत्र नहीं बचा तो क्या होगा। आज ये भारतीय जनता पार्टी वाले कितने आत्मविश्वास से 370 सीट, 400 सीट का नारा लगा रहे हैं। आख़िर उन्हें इतना आत्मविश्वास कहां से मिल रहा है? हमें उनसे लोकतंत्र को बचाना है। आज यह भी स्पष्ट हो गया है कि ये लोग चुनाव जीतते नहीं बल्कि चोरी करते हैं।