कर्ज लेने वालों को रिजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) ने दी एक और बड़ी राहत, अब कर्ज वसूली से पहले करना होगा ये काम

डिजिटल ऋणः आरबीआई (RBI) ने अगस्त 2022 में कुछ इकाइयों से ऋण के एवज में अत्यधिक ब्याज वसूलने और गलत ऋण वसूली पर रोक लगाने के उद्देश्य से अगस्त 2022 में डिजिटल ऋण को लेकर नियम सख्त किए थे। 
 
Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल माध्यम से कर्ज देने वाली इकाई के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आरबीआई (RBI) की ओर से दिए गए दिशा-निर्देश में कहा गया था कि डिजिटल माध्यम से कर्ज देने वाली संस्थाएं पैनल में पहले से शामिल अपने एजेंटों के बारे में खुलासा करें, जो कर्ज नहीं चुकाने की स्थिति में कर्जदार से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही कर्ज वसूली की प्रक्रिया शुरू करने से पहले ग्राहकों को इसकी जानकारी देने को कहा है।  आरबीआई (RBI) ने अगस्त 2022 में कुछ इकाइयों से कर्ज के बदले अत्यधिक ब्याज वसूलने और गलत कर्ज वसूली पर रोक लगाने के मकसद से डिजिटल कर्ज को लेकर नियम सख्त किए थे। Read Also:-सीबीएसई (CBSE) परीक्षा दिशानिर्देश 2023: सीबीएसई (CBSE) ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं से ठीक पहले छात्रों के लिए जारी की यह महत्वपूर्ण सूचना

 

पूल खाते (Pool Account) की कोई भूमिका नहीं होगी
नए नियम के तहत जो भी कर्ज बांटे और लौटाए जाएंगे, जरूरी है कि वे कर्जदारों और विनियमित संस्थाओं (Banks And NBFC) के बैंक खातों के बीच होंगे। लोन सर्विस प्रोवाइडर्स (LSP) के पूल अकाउंट की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी। रिजर्व बैंक ने कहा कि साथ ही अगर एलएसपी (LLP) के लिए कोई शुल्क बनता है तो वह विनियमित इकाई को देगा न कि कर्जदार को। केंद्रीय बैंक ने डिजिटल ऋण दिशानिर्देशों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर जारी किए।

 

सूचना ई-मेल/एसएमएस द्वारा अग्रिम रूप से दी जानी होगी 
ऋण वसूली एजेंटों के बारे में इस प्रकार कहा गया है, "ऋण स्वीकृति के समय, उधारकर्ता को पैनल में शामिल एजेंटों के नाम दिए जा सकते हैं जो ऋण चूक के मामले में उससे संपर्क कर सकते हैं।" यदि ऋण चुकानी में देरी होती है और वसूली एजेंट को ऋणदाता से संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, तो उधारकर्ता को संबंधित एजेंट को सौंपी गई जिम्मेदारी के बारे में ई-मेल/एसएमएस के माध्यम से अग्रिम रूप से सूचित किया जाना चाहिए।

 

आरबीआई (RBI) ने यह भी कहा कि चेक बाउंस होने या समय पर भुगतान नहीं होने की स्थिति में पेनाल्टी शुल्क के बारे में अलग से जानकारी दी जाए। क्या सभी ऋण सेवा प्रदाताओं (LSP) को शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता है, आरबीआई (RBI) ने कहा, केवल उन संस्थाओं को जो उधारकर्ताओं से निपटती हैं, उन्हें ऐसे अधिकारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता है।